आखिरी वक्त तक नहीं छोड़ा मां का हाथ, मां के साथ ही विदा हुआ दस साल का मासूम बेटा साल के अंत तक इटारसी से बीना के बीच 160 किमी की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन होना है। इसलिए पटरियों का रिन्यूअल किया जा रहा है। रेलवे ने भिलाई इस्पात संयंत्र में एकजाई यानी लंबी रेल पटरियों को तैयार करने का आर्डर दे दिया है। इन पटरियों की लंबाई 260 मीटर है। इन्हें आर-260 नाम दिया है। आरडीएसओ के अनुसार यह मजबूत गुणवत्ता वाली पटरियां हैं, जो अधिक भार लेकर चलने वाली ट्रेनों के लिए उपयोगी होंगी। पहले चरण में रेलवे कुल 170 किमी लंबे ट्रैक की पटरी बदलने का लक्ष्य रखा है।
कांग्रेस ने बदले एमपी के तीन जिलाध्यक्ष, इन नेताओं को सौंपी कमान अधिकारियों ने बताया कि पहले 1960-70 में 13 मीटर, 80-90 में 65 मीटर, उसके बाद 1990-2010 के दशक में 130 मीटर लंबी पटरियों का उपयोग होता था। पूर्व में उपयोग की जाने वाली पटरियों के एक किलोमीटर लंबे ट्रैक में 70 से 80 जोड़ होते थे। अब 260 मीटर लंबी नई पटरियों के उपयोग से उक्त दूरी में 8 से 10 जोड़ ही आएंगे। इससे जोड़ खुलने व उनमें फ्रैक्चर आने के कारण पटरी टूटने की घटनाओं में कमी आएगी और रेल यात्रा सुरक्षित होगी।
पेगासस जासूसी मामले में राजनैतिक घमासान, कमलनाथ ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप नई पटरियों की खासियत
ये पटरियां उच्च शक्ति 550 एमपीए (मेगा पास्कल) की हैं, जो ट्रेनों की गति बढ़ाने व भारी ट्रेनों के परिचालन के लिए उपयोगी होंगी। इनमें वैनेडियम युक्त मिश्र धातु का उपयोग किया गया, जिससे जंग नहीं लगेगा और फ्रैक्चर नहीं होगा। पटरियां मजबूत होने से तेज गति से ट्रेनें चलाईं जा सकेंगी। ट्रैक पर जगह-जगह वेल्डिंग की जरूरत कम होगी।
ये पटरियां उच्च शक्ति 550 एमपीए (मेगा पास्कल) की हैं, जो ट्रेनों की गति बढ़ाने व भारी ट्रेनों के परिचालन के लिए उपयोगी होंगी। इनमें वैनेडियम युक्त मिश्र धातु का उपयोग किया गया, जिससे जंग नहीं लगेगा और फ्रैक्चर नहीं होगा। पटरियां मजबूत होने से तेज गति से ट्रेनें चलाईं जा सकेंगी। ट्रैक पर जगह-जगह वेल्डिंग की जरूरत कम होगी।