ई-कॉमर्स कंपनीयां की नजर अब फूड और ग्रॉसरी के मार्केट पर हैं। फिल्पकार्ट,ऐमजॉन से लेकर रिलायंस तक सभी कंपनियां ई-कॉमर्स इंडस्ट्री का बड़ा हिस्सा अपने नाम करना चाहती हैं। इतना ही नहीं ये कंपनियां ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को जोड़ने की तैयारी में लग गई हैं।
तेजी से बढ़ते ग्रोसरी (किराने का सामान) के बाजार में अब ई-कॉमर्स कंपनियां एक-एक कर दस्तक देती जा रही है। इससे देश में ऑनलाइन किराना बाजार में जंग तेज और तेज होगी। ग्रॉसरी ऑनलाइन शॉपिंग का मुख्य आकर्षण बनने जा रही है क्योंकि आपको दूध और सब्जियां तो हर रोज चाहिए ही। लेकिन सब्जियों का भंडार तो स्मार्टफोनों की तरह वेयरहाउस में नहीं रखी जा सकतीं, इसलिए दुनियाभर की ई-कॉमर्स कंपनियों को स्टोर्स खोलने की जरूरत होगी। दिक्कत यह है कि सरकार विदेशी सुपरमार्केट्स खोलने का सीमित अधिकार देती है या नहीं।
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन खुदरा कारोबार कंपनी अमेजन भारत में आदित्य बिड़ला रिटेल लिमिटेड की सुपरमार्केट चेन 'मोर' को खरीदने के लिए गोल्डमैन साक्स और समारा कैपिटल के साथ मिलकर रणनीतिक योजना बना रही है। खबरों के मुताबिक, आदित्य बिड़ला ग्रुप के खाद्य और किराना व्यापार 'मोर' को खरीदने की यह डील 4,500 से 5,000 करोड़ रुपए के बीच हो सकती है।
तो वहीं चीन की विशालकाय कंपनी अलीबाबा के जैक मा भी ई-कॉमर्स इंडस्ट्री का बड़ा हिस्सा हथियाने चाहते हैं। इसी सिलसिले में वह मुकेश अंबानी से बातचीत में हैं। हाल ही में दोनों मुंबई में मिले और इसकी संभावना तलाशी गई कि क्या अलीबाबा 5 से 6 अरब डॉलर में रिलायंस रिटेल की आधी हिस्सेदारी खरीद सकता है। रिलायंस रिटेल ग्रॉसरी स्टोर, इलेक्ट्रॉनिक स्टोर, अपैरल चेन आदि संचालित करता है।
ऐसा भी नहीं है कि यह खिचड़ी सिर्फ दिग्गजों के बीच ही पक रही है। स्विगी के फाउंडर्स भी आपके रेफ्रिजरेटर तक पहुंचने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं। उन्हें चीन के मीटुअन-डिनपिंग का समर्थन मिल रहा है जबकि मिटुअन-डिनपिंग के पीछे चीन की ही एक अन्य विशाल कंपनी टेंसेंट खड़ी है।
ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे कि फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी कंपनियों से टक्कर लेने के लिए देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी बिगबाजार भी डिजिटल हो गया है। हालांकि कंपनी अपनी वेबसाइट पर केवल कुछ खास दिनों के वक्त ऑफर निकालेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।