नाइजीरिया में सफलता के बाद भारत में शुरुआत भटनागर ने कहा कि वह नाइजीरिया में इसकी सफलता से उत्साहित होकर अब भारत में 500 ट्रैक्टरों की मदद से यह सेवा शुरू कर रहे हैं। फिलहाल यह सेवा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि खेतों के छोटे-छोटे टुकड़े होने के कारण छोटे किसान ट्रैक्टर से खेत की समय पर जुताई नहीं करा पाते हैं लेकिन इस सेवा के शुरू होने से वैसे किसान भी खेतों की जुताई करा पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि इससे कृषि लागत दर कम होगी और उत्पादकता भी बढ़ेगी तथा किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
पंजाब और हरियाणा में अभी शुरू नहीं होगी सेवा पंजाब और हरियाणा जैसे समृद्ध राज्यों में अभी यह सेवा नहीं शुरू की जाएगी। इसका कारण यह है कि यहां पहले से ही पर्याप्त संख्या में ट्रैक्टर हैं। उन्होंने कहा कि बंग्लादेश में भी 100 ट्रैक्टर से यह सेवा शुरू की जा रही है। ‘हैलो ट्रैक्टर’ ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों के माध्यम से ट्रैक्टर उपलब्ध कराएगी, जबकि ऐरिस इसके लिए ऐप और अन्य संचार उपकरण उपलब्ध कराएगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि ट्रैक्टर कहां है और उसने दिन भर में कितना काम किया है।