लॉकडाउन पीरियड में कस्टमर्स को फ्री सर्विस देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां कर रही सब्सिडी की मांग

TRAI ने दिया फ्री सर्विस देने का आदेश
29 मार्च के आदेश में किया है संशोधन
कंपनियों को हे चुका है 600 करोड़ का नुकसान
सभी को फायदा देने पर कई गुना ज्यादा बढ़ेगा खर्च

नई दिल्ली: सरकार ने जब से लॉकडाउन ( LOCKDOWN ) की घोषणा की है कई टेलीकॉम कंपनियों ने प्लान वैलिडिटी बढ़ाने और एक्सट्रा डेटा देने जैसी बातें कहकर लोगों को खुशकर दिया। अब जबकि इन निर्णयों को हुए कुछ ही दिन बीते हैं ये प्राइवेटी टेलीकॉम कंपनियां सरकार से अपनी इन एक्स्ट्रा सुविधाओं के लिए सब्सिडी की मांग कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर सरकारी कंपनियां बीएसएनएल ( BSNL )और एमटीएनएल ( MTNL ) अपने कर्ज को निपटाने के लिए सरकार की तरफ देख रही हैं। भारी भरकम एजीआर बकाए से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियां लॉकडाउन अवधि में ग्राहकों को अनिवार्य सेवा दे रही हैं। कंपनियां चाहती है कि सरकार उनकी इन सेवों का भुगतान यूएसओ फंड से करें और आपको बता दें कि फिलहाल 31 मार्च 2020 तक इस फंड में 51.5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा पड़े हुए थें।

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TRAI ने दिया फ्री सर्विस का आदेश-

29 मार्च के आदेश में संसोधन करते हुए 7 अप्रैल को ट्री ने एक नया आदेश जारी किया है। और इस बार ट्र्राई ने कंपनियों से सभी प्रीपेड ग्राहकों को समान रूप से लाभ प्रदान करने की बात कही है। ट्राई के इसी आदेश के बाद कंपनियों ने सरकार से मदद की मांग की है। आपको मालूम हो कि 29 मार्च को TRAI ने कंपनियों को कस्टमर्स को यह लाभ देने के लिए कहा था। इसके बाद भारती एयरटेल (Airtel ), वोडाफोन आईडिया( Vodafone) और रिलायंस जियो( reliance jio) जैसी कंपनियों ने प्रीपेड प्लान की वैलिडिटी 17 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी और उनके खाते में 10 रुपए का अतिरिक्त टॉक टाइम दे दिया। कंपनियों ने ये फैसिलिटी सेलेक्टेड कस्टमर्स को दी थी । जिससे 28-30 करोड़ लोगों को फायदा हुआ लेकिन अब ट्राई ने सभी को एक समान तरह से ये लाभ देने की बात कही है।

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कंपनियों को हो चुका है 600 करोड़ का घाटा-
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) का दावा है कि लॉकडाउन अवधि में प्री-पेड कस्टमर्स को फ्री रिचार्ज देने की वजह से इन कंपनियों को अब तक 600 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। एसोसिएशन द्वारा लिखे गए लेटर में ट्राई से कंपनियों ने वैलिडिटी विस्तार और एक्स्ट्रा टॉक टाइम के रूप में प्रीपेड ग्राहकों को 600 करोड़ रुपए से ज्यादा के लाभ देने की बात कही गई है इसके साथ ही उन्होने मांग की है कि अगर सरकार आम जनता को और लाभ देना चाहती है तो, तो यह टेलीकॉम सेक्टर ( TELECOM ) को सब्सिडी के रूप में दी जानी चाहिए।

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