इसी मामले को लेकर लुधियाना हैंड टूल्स एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका समेत कई अर्जियों पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को सैलेरी देने में असमर्थ कंपनियों पर किसी तरह की कार्यवाई न करने का आदेश दिया है। जस्टिस नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
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प्राइवेट कंपनियों ( PVT COMPANY ) ने अपनी अर्जी में सरकार का ये आदेश एकतरफा होने की बात कही थी साथ ही सरकार के फैसले से कंपनियों की वित्तीय सेहत पर पड़ने वाले असर को नजरंदाज करने का भी आरोप लगाया गया है।
आपको बता दें कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ( PM MODI ) ने लॉकडाउन के दैरान कंपनियों से कर्मचारियों की सैलेरी ( SALARY ) न काटने की अपील की थी जिसके बाद गृहमंत्रालय ( MHA ) की तरफ से 29 मार्च को सर्कुलर जारी कर पूरी सैलेरी न देने की सूरत में कंपनियों पर कानूनी कार्यवाई की बात कही गई थी ।
देश में कोरोना की हालत की बात करें तो देश में अब तक पूरे देश में 82 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ये हालत तब है जबकि सरकार ने मात्र 500 लोगों के कोरोना की खबर आने पर ही देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया था । फिलहाल देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन चल रहा है। जबकि 18 मई से चौथे चरण का लॉकडाउन शुरू होगा।