दरअसल सॉल्ट मैन्युफैक्चरिंग ( salt production ) का सीजन अक्टूबर से लेकर जून मध्य तक रहता है, और इस बार लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन के पीक टाइम पर हमारा बहुत नुकसान हुआ। सॉल्ट इंडस्ट्री पर पड़े असर को बताते हुए इंडियन सॉल्ट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (ISMA) के प्रेसिडेंट भरत रावल ने बताया कि, “हमारा आधा मार्च और पूरा अप्रैल निकल गया। ये 40 दिन हमारे प्रोडक्शन का पीक सीजन होता है। सॉल्ट प्रोडक्शन में गर्मी के एक महीने के नुकसान दूसरी इंडस्ट्री के 4 महीने के नुकसान के बराबर होता है।
रावल का कहना है कि आगे हम इन 40 दिनों की भरपाई कैसे कर पाएंगे हमें नहीं पता और आने वाले वक्त में देश में नमक की डिमांड बढ़ेगी और हमारे पास ऑफ सीजन बफर स्टॉक इतना नहीं है । ऐसे में अगर बारिश देर से होती है तभी कुछ हो पाएगा ।
आपको बता दें कि हर साल हमारे देश में देश में हर साल करीब 95 लाख टन एडिबल सॉल्ट की खपत होती है। इसके अलावा 110-130 लाख नकम का इस्तेमाल इंडस्ट्री में किया जाता है। देश के कुल नमक उत्पादन का करीब 95 फीसदी राजस्थान, गुजरात, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में होता है।