रिपोर्ट का दावा, SMB Digitalization से उबरेगी देश की Economy

सिस्को इंडिया की SMB Digital Maturity Study-2020 में हुआ बड़ा खुलासा
SMB Digitalization से 2024 तक भारत की GDP में हो सकता है 216 अरब डॉलर का इजाफा

<p>Report claim, economy will overcome the digitalization of SMB</p>

नई दिल्ली। स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस ( Small and Medium Business ) का डिजिटलाइजेशन ( SMB Digitalization ) होने से अगले चार सालों यानी 2024 तक देश की जीडीपी ( GDP ) में 216 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिल सकता है। यह दावा सिस्को इंडिया की एसएमबी डिजिटल मैच्युरिटी स्टडी-2020 ( SMB Digital Maturity Study-2020 ) रिपोर्ट में किया गया है। अगर रिपोर्ट की बातों को सच मानें तो कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से उबरने में देश को काफी मदद मिलेगी।

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डिजिटल बदलाव की जरुरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 68 फीसदी स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस में नए प्रोडक्ट्स और सर्विस मार्केट में लाने के लिए डिजिटल में चेंज करने की जरुरत हो रही है। इसका कारण है कि वो अपने आपको कांप्टीशन में अलग देखना चाहते हैं। दूसरी ओर 60 फीसदी का कहना है कि कांप्टीशन भी तेजी से बदल रहा है। जिसकी गति को इसी तरह रखने की जरुरत है। रिपोर्ट के अनुसार 50 फीसदी एसएमबी में कस्टमर्स की डिमांड के अनुरूप डिजिटलाइजेशन की जरुरत महसूस हो रही है। नैसकॉम की मानें तो भारत में रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड एसएमबी की संख्या 4.25 करोड़ है, जो देश की कुल औद्योगिक कंपनियों का करीब 95 फीसदी है।

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क्लाउड में सबसे ज्यादा निवेश
अधिकतर छोटे उद्यमियों को इस बात का आभास हो गया है कि उनके डिजिटलाइजेशन का समय आ गया है। आईडीसी और सिस्को द्वारा पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कराए सर्वे के अलुसार भारत में एसएमबी के लिए टेक्नोलॉजी इंवेस्टमेंट की टॉप प्रायरॉटी में क्लाउड है जिसकी हिस्सेदारी करीब 16 फीसदी है। उसके बाद सिक्योरिटी पर 13 फीसदी और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर सॉफ्टवेयर की खरीद व उसको उन्नत बनाने पर 12 फीसदी जोर है।

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क्या कहते हैं सिस्को इंडिया के एमडी
सिस्को इंडिया और सार्क के एसएमबी मैनेजिंग डायरेक्टर पीके पनीश के अनुसार मौजूदा समय काफी मुश्किलों भरा है और छोटे कारोबारियों के पास लिक्विडिटी की भी काफी कमी देखने को मिल रही है। सप्लाई चेन में बाधा आने और कर्ज ना मिलने की वजह से भी उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए जल्द कारोबारी मॉडल को चेंज करने और बदले हालातों में भूमिका की पहचान करने की जरुरत है।

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