लॉकडाउन बढ़ा तो आईटी सेक्टर में बढेगी बेरोजगारी, वर्क फ्राम होम का नहीं पड़ेगा असर

अभी तक आधिकारिक रूप से इस बात की घोषणा नहीं हुई है लेकिन अगर ऐसा होता है तो आईटी सेक्टर को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये सिर्फ अंदाजा नहीं है बल्कि नैसकॉम ( Nasscom ) के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर का भी यही मानना है।

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस की वजह से लगाया गया 21 दिनों का लॉकडाउन मंगलवार को खत्म हो रहा है। भले ही लॉकडाउन के 21 दिन पूरे हो रहे हैं लेकिन लॉकडाउन 2 सप्ताह के लिए आगे बढ़ाने की बात जोर-शोर से हो रही है। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से इस बात की घोषणा नहीं हुई है लेकिन अगर ऐसा होता है तो आईटी सेक्टर को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये सिर्फ अंदाजा नहीं है बल्कि नैसकॉम ( Nasscom ) के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर का भी यही मानना है। चंद्रशेखर का कहना है कि हालांकि WORK FROM HOME हालात को ठीक रखने में कामयाब है लेकिन फिर भी लॉकडाउन ( corona lockdown ) बढ़ने पर लाखों की संख्या में आईटी सेक्टर में नौकरियां जाएंगी ।

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स्टार्टअप्स में होगी छंटनी- चंद्रशेखर ने कहा कि बड़ी कंपनियां वास्तव में नौकरियों में कमी नहीं करना चाहेंगी। इसके दो मुख्या कारण है। पहला कारण यह है कि वह अपने कर्मचारियों को खोना नहीं चाहती हैं और दूसरा कारण यह है कि इन कंपनियों के पास कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध है। लेकिन ऐसे स्टार्टअप्स जो वेंचर कैपिटलिस्ट के फंड पर आश्रित हैं उन्हें ज़रूर लॉकडाउन की वजह से अपने काम को कम करना पड़ सकता है। वहीं बड़ी कंपनियां अगर छंटनी करती है तो इंटर्न और ट्रेनी लेवल से लोग निकाले जा सकते हैं। लेकिन अगर ये लॉकडाउन 2-3 महीने चला तो आई सेक्टर का वर्क कल्चर भी बदल सकता है । अगर सिर्फ 2 हफ्ते के लिए ये बढ़ता है तो वर्क फ्रॉम होम का कल्चर नेगेटिव इंपैक्ट डालेगा।

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आपको बता दें कि 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद ही अनुमान लगाया जा रहा था कि इस सेक्टर में लगभग 1.5 लाख नौकरियां जा सकती है।

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