विनिर्माण गतिविधियों में लगातार दूसरे माह सुस्ती, 51.7 पर आया पीएमआई

निक्की के अनुसार, मांग के बाद भी पीएमआई इंडेक्स में कमी दर्ज की गई है।

<p>विनिर्माण गतिविधियों में लगातार दूसरे माह सुस्ती, 51.7 पर आया पीएमआई</p>
नई दिल्ली। उत्पादन घटने और नए ऑर्डर में आई कमी से देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार दूसरे माह गिरावट दर्ज की गई है। इससे इसका निक्की पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में घटकर 51.7 पर आ गया। इससे पहले जुलाई में सूचकांक 52.3 रहा था। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में तेजी और इससे नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है।
निक्की ने जारी की रिपोर्ट

निक्की की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचकांक में आई गिरावट का सबसे बड़ा कारण उत्पादन घटना और नए ऑर्डरों में कमी रहा है। रिपोर्ट की लेखिका और मार्किट इकोनॉमिक्स की अर्थशास्त्री आशना डोढिया ने कहा कि अगस्त का आंकड़ा भारत के विनिर्माण क्षेत्र के विकास की गति कम होने की ओर संकेत करता है। यह उत्पादन और नए ऑर्डरों में कमी को दर्शाता है। हालांकि, इस दौरान मांग अच्छी रही है। विदेशों में भी मांग में सुधार रहा है और फरवरी के बाद पहली बार निर्यात ऑर्डर इतनी तेजी से बढ़े हैं।
घरेलू ब्याज दर में बढ़ोतरी से विनिर्माण कंपनियों को हल्की राहत

डोढिया ने कहा कि घरेलू ब्याज दर में बढ़ोतरी से विनिर्माण कंपनियों को हल्की राहत मिली है क्योंकि लागत मूल्य की मुद्रास्फीति मई के बाद सबसे अधिक घटी है। हालांकि, अमरीकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की गिरावट से लागत मूल्य पर दबाव बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन लगातार 13वें माह बढ़ा है, हालांकि इसकी वृद्धि दर लगातार दूसरे माह कम रही है। नए ऑर्डर लगातार दसवें माह बढ़े हैं लेकिन इनकी तेजी भी लगातार दूसरे माह सुस्त हुई है।
विदेशों से मांग में भी लगातार दसवें माह तेजी

विदेशों से मांग में भी लगातार दसवें माह तेजी रही है और इनकी गति फरवरी के बाद सबसे अधिक रही है। कंपनियों ने लगातार तीसरे माह अपनी खरीद गतिविधियां तेज कीं लेकिन इनकी बढ़त सीमित रही। कच्चे माल का भंडार भी सामान्य रूप से बढ़ा। हालांकि, तैयार माल का भंडार अपेक्षाकृत तेजी से घटा। कंपनियों ने लगातार 13वें माह बिक्री मूल्य में बढ़ोतरी की। उत्पादन बढ़ने और नए ऑर्डर आने से कंपनियों ने अगस्त में नई भर्तियां कीं। कारोबारियों ने अगले 12 माह के परिदृश्य को सकारात्मक बताया है।
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