ये है पूरा मामला
दरअसल चतुर्थ श्रेणी के विभिन्न पदों पर भर्ती कराने के नाम पर युवाओं से 10 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। पत्रिका को मिली शिकायत के बाद टीम ने स्टिंग ऑपरेशन करते हुए पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद कर लिया।
अटेंडेंट को लिफ्ट ऑपरेटर की नौकरी
टीम को प्लेसमेंट दफ्तर के बाहर राजधानी का ही एक पीडि़त अभ्यर्थी मिला। जिसने बताया, कि उसके पास डीएमएलटी की डिग्री के साथ 5 वर्ष का अनुभव है। इसके बावजूद उसका इंटरव्यू लेते हुए लिफ्ट ऑपरेटर की नौकरी दिलाने की बात कही गई, साथ ही कुछ दिनों बाद उसे वांछित पद पर नियुक्त करने की बात कही गई। साथ उससे भी 10 हजार रुपए की राशि देने की बात कही गई। जिसमें 5 हजार रुपए पहले और 5 हजार रुपए पहली तनख्वाह मिलने के बाद।
ब्लेजर सहित आइकार्ड के लिए रकम
इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि निजी संस्थान को विभिन्न 105 पदों पर भर्ती कर संचालन का जिम्मा सौंपा है। जिसके लिए मासिक रूप से उन्हें तनख्वाह का भुगतान किया जाएगा। वहीं, प्लेसमेंट एजेंसी का कहना है कि कर्मियों के लिए ब्लेजर, आइकार्ड सहित अन्य व्यवस्था कराई जाएगी, जिसके लिए शुल्क आवश्यक है। इसके लिए पद का एक माह का वेतनमान ही लिया जा रहा है।
प्लेसमेंट एजेंसी से हो रही भर्ती
पत्रिका को शिकायत मिली थी कि टैगोर नगर स्थित एक निजी रोजगार संस्थान के माध्यम से भर्ती कराई जा रही है। इसके बाद टीम उपरोक्त दफ्तर पहुंची। वहां मौजूद कर्मियों ने बताया कि लैब अटेंडेंट के सारे पद भरे जा चुके हैं, सिर्फ सीएसएसडी (सेंट्रल स्टेरिल सप्लाई डिपार्टमेंट) के पदों को खाली बताया गया और संवाददाता से डिग्री की बात कही। इसकी डिग्री न होने की स्थिति में टीम ने आंबेडकर में तैनात एजेंट के हवाले से भर्ती करने की बात कही, जिस पर कर्मियों ने उन्हें सर से संबोधित करते हुए उन्हीं से बात करने की बात कही।
हमारी जिम्मेदारी नहीं
हमारी ओर से निजी कंपनी को आउटसोर्स किया गया है, जो कि विभिन्न 105 पदों पर कर्मियों को नियुक्त कर संचालन की व्यवस्था संभालेगी। इसके एवज में कंपनी को मासिक रूप से भुगतान किया जाएगा। इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।
डॉ. पुनीत गुप्ता, अधीक्षक, डीकेएस अस्पताल