सरकार की व्यापार नीति का मिला फायदा
कृषि मंत्रालय को इस बात की उम्मीद है कि आने वाले दिनों में भी नारियल उत्पादों के निर्यात में अभी आैर बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है। मंत्रालय ने कहा है कि नारियल के उत्पदों की कीमत तेजी से प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति देखने को मिल रही है। यही नहीं, सरकार वित्त वर्ष 2015-20 के दौरान अपने व्यापार नीति के तहत नारियल उत्पादों में 5 फीसदी की निर्यात बढ़ावा दे रही है। मंत्रालय के मुताबिक, साल 2004 से लेकर 2014 के दौरान नारियल उत्पदों के निर्यात से 3,975 करोड़ रुपये की कमार्इ हुर्इ है। वहीं साल 2014-18 के दौरान ये करीब दोगुना बढ़कर 6,448 करोड़ रुपये हो गया है।
इन देशों में शुरु हुआ नारियल उत्पादों का निर्यात
भारत से नारियल उत्पादों का निर्यात मलेशिया, इंडोनेशिया आैर श्रीलंका में भी शुरू कर दिया है। सबसे खास बात ये है कि पिछले साल तक भारत में इन देशाें से नारियल का तेल आयात किया जाता था। यही नहीं, पहली बार भारत से अमरीका आैर यूरोपीय देशो में भी सूखे नारियल का निर्यात किया हो रहा है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो हर वर्ष भारत में करीब 2,437.80 करोड़ रुपये नारियल का उत्पादन किया जाता है। वहीं प्रति हेक्टेयर नारियल उत्पाकता 11,616 नारियल है।