इन 7 कंपनियों ने कहा, बुलेट ट्रेन के लिए समुद्र के नीचे हम बनाएंगे सुरंग

मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए समुद्र के नीचे सुरंग के निर्माण में 7 इंडियन कंपनियों ने दिखाई रुचि

<p>7 companies showed interest for tunnel construction for Bullet train</p>

नई दिल्ली। कम से कम सात भारतीय कंपनियों ने प्री-बिडिंग स्टेज में महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) कॉरिडोर के लिए समुद्र के नीचे सुरंग के निर्माण में रुचि दिखाई है। अधिकारियों ने रविवार को ये जानकारी दी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉपोर्रेशन लिमिटेड (एनएचएसअरसीएल) के एक अधिकारी के अनुसार समुद्र के नीचे सुरंग को बनाने के लिए सात भारतीय कंपनियों ने बोली में हिस्सा लिया।

19 फरवरी तक मांगे गए हैं टेंडर
अधिकारी ने कहा कि सुरंग के निर्माण के लिए निविदा मंगाई गई है और 19 फरवरी, 2021 तक बोलियां आमंत्रित की गई हैं। बुलेट ट्रेन परियोजना में महाराष्ट्र में बीकेसी से कल्याण शिल्पाता तक 21 किमी लंबा अंडरग्राउंड कॉरिडोर होगा। अधिकारी ने कहा कि इस अंडरग्राउंड कॉरिडोर का लगभग 7 किमी हिस्सा ठाणे क्रीक के नीचे है। इसमें से 1.8 किमी लंबे खंड को समुद्र के तल के नीचे विकसित किया जाना है, जबकि बाकी हिस्से को क्रीक के दोनों ओर मैंग्रोव मार्शलैंड पर बनाया जाना है।

डबल-लाइन हाई स्पीड रेलवे का निर्माण शामिल
अधिकारी ने कहा कि ठेका सुरंग के लिए है, जिसमें परीक्षण के साथ-साथ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और एक नए ऑस्ट्रियाई टनलिंग विधि (एनएटीएम) का उपयोग कर परियोजना के लिए डबल-लाइन हाई स्पीड रेलवे का निर्माण शामिल है। एनएचएसआरसीएल, राइट्स और जापान की कावासाकी जियोलॉजिकल इंजीनियरिंग फर्म की एक टीम ने समुद्र के नीचे सुरंग बनाने के लिए भू-तकनीकी जांच की थी।

किया था एसआरटी सर्वे
समुद्र तल की संरचना का अध्ययन करने के लिए, टीम ने एक स्थैतिक अपवर्तन तकनीक (एसआरटी) सर्वेक्षण किया था, जिसमें पानी की सतह के नीचे से सीबेड की ओर एक उच्च ऊर्जा ध्वनि तरंग की फायरिंग शामिल है। फिर समुद्र के नीचे चट्टान का घनत्व निर्धारित करने के लिए अपर्वर्तित ध्वनि तरंग का मानचित्रण किया गया। टीम ने एनएचएसआरसीएल के साथ एक रिपोर्ट भी दी है। पिछले साल, एनएचएसआरसीएल ने 64 प्रतिशत एमएएचएसआर संरेखण के निर्माण के लिए कांट्रैक्ट दिए, जिसमें वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आनंद/नडियाद में पांच एचएसआर स्टेशन, सूरत में ट्रेन डिपो और 350 मीटर की एक पर्वत सुरंग का निर्माण शामिल है।

350 मीटर की होगी रफ्तार
बुलेट ट्रेन के 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है, जो लगभग दो घंटे में 508 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। अभी मुंबई-अहमदाबाद के लिए ट्रेन को सात घंटे और विमान को लगभग एक घंटे का समय लगता है। 14 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की एचएसआर परियोजना की आधारशिला रखी थी।

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