कांग्रेस से उम्मीदवार थे प्रेमचंद
तुलसी सिलावट के खिलाफ कांग्रेस ने प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारा था। प्रेमचंद पहले चरण की मतगणना से ही पिछड़ गए और अंत तक पीछे ही रहे। भाजपा के तुलसी सिलावट को यहां 1 लाख 29 हजार 676 वोट मिले जबकि कांग्रेस को केवल 76 हजार 412 वोट मिले। यहां भाजपा का वोट प्रतिशत 61.01 फीसदी था। इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान समेत कैलाश विजयवर्गीय ने जमकर जोर लगाया था। इस सीट पर दोनों ही उम्मीदवार अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर आए थे। तुलसी सिलावट कांग्रेस से भाजपा में आए तो प्रेमचंद गुड्डू भाजपा से कांग्रेस में गए थे।
तुलसी सिलावट के खिलाफ कांग्रेस ने प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारा था। प्रेमचंद पहले चरण की मतगणना से ही पिछड़ गए और अंत तक पीछे ही रहे। भाजपा के तुलसी सिलावट को यहां 1 लाख 29 हजार 676 वोट मिले जबकि कांग्रेस को केवल 76 हजार 412 वोट मिले। यहां भाजपा का वोट प्रतिशत 61.01 फीसदी था। इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान समेत कैलाश विजयवर्गीय ने जमकर जोर लगाया था। इस सीट पर दोनों ही उम्मीदवार अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर आए थे। तुलसी सिलावट कांग्रेस से भाजपा में आए तो प्रेमचंद गुड्डू भाजपा से कांग्रेस में गए थे।
अकेले निकले प्रेमचंद
मतगणना पूरी होने के बाद प्रेमचंद गुड्डू मतगणना स्थल से अकेले निकले। उनके साथ कोई नहीं था ना ही कार्यकर्ता और ही उनके परिवार के सदस्य। प्रेमचंद गुड्ड के बेटे अजीत भी भाजपा से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी। बाद में वो पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
मतगणना पूरी होने के बाद प्रेमचंद गुड्डू मतगणना स्थल से अकेले निकले। उनके साथ कोई नहीं था ना ही कार्यकर्ता और ही उनके परिवार के सदस्य। प्रेमचंद गुड्ड के बेटे अजीत भी भाजपा से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी। बाद में वो पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।