कालाकुंड और उससे लगे 8 गांव के 70 से अधिक आदिवासी समाजजन अपने परिवार के साथ गुरुवार को महू स्टेशन पहुंचे और यहां से रैली में तहसील कार्यालय आकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। कालाकुंड के पूर्व उपसरपंच शिव प्रसाद दुबे ने बताया कि कालाकुंड और बरखेड़ा, गुंजारा, भानभेड़ी, उतेडिय़ा, लोधिया, धावडिय़ा, रेवती आदि गांव के ग्रामीण मोटरसाइल और ट्रेन सुबह 11 बजे अपने परिवार के साथ रेलवे स्टेशन आए। यहां पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली के रूप में तहसील कार्यालय पहुंचे। एसडीएम के नाम 6 सूत्रीय मांंगपत्र तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर को सौंपा। तहसीलदार ने जल्द ही समस्याओं को निराकरण करने का आश्वासन दिया है। कैंटबोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष कैलाश दत्त पांडे ने तहसीलदार पाराशर को कहा कि यदि समय रहते मांगो को लेकर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो मजबूरन शांतिपूर्ण आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। इस दौरान रेल कर्मचारी नेता राकेश दुबे भी मौजूद थे।
यह है मुख्य मांग
– प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत वर्ष 2013 में स्वीकृत भगोरा से गुंजारा सड़क मार्ग में पहाड़ी का मुख्य भाग लगभग 3 किलोमीटर जो कि गत 8 वर्षों से रुका हुआ है।
– चोरल से कालाकुंड लगभग 12 किलोमीटर सड़क मार्ग जो 6 माह पूर्व स्वीकृत हो चुका है। लेकिन दो-तीन पुलिया एवं नदी किनारे दो तीन जगह बाउंड्री बनाने का काम ही पूर्ण हुआ शेष काम बंद पड़ा हुआ है।
– घर घरजल नल योजना के तहत नल एवं जल की व्यवस्था का कार्य भी ना के बराबर हुआ है।
– प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत वर्ष 2013 में स्वीकृत भगोरा से गुंजारा सड़क मार्ग में पहाड़ी का मुख्य भाग लगभग 3 किलोमीटर जो कि गत 8 वर्षों से रुका हुआ है।
– चोरल से कालाकुंड लगभग 12 किलोमीटर सड़क मार्ग जो 6 माह पूर्व स्वीकृत हो चुका है। लेकिन दो-तीन पुलिया एवं नदी किनारे दो तीन जगह बाउंड्री बनाने का काम ही पूर्ण हुआ शेष काम बंद पड़ा हुआ है।
– घर घरजल नल योजना के तहत नल एवं जल की व्यवस्था का कार्य भी ना के बराबर हुआ है।