योजना में अटका चौराहों का विकास

12 चौराहों को विकसित करने की थी प्लॉनिंग, एक भी पूरा नहीं कर पाया निगम

<p> विजय नगर</p>
इंदौर. शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर निगम ने १२ प्रमुख चौराहों के विकसित के लिए 10 करोड़ की योजना बनाई थी। लेकिन बीते 3 साल में निगम एक भी चौराहे का काम पूरा नही कर पाया है। इन चौराहों के लेफ्ट टर्न चौड़े करने के साथ ही, वहां रोटरी और सिग्नल की व्यवस्था के साथ ही उन्हें विशेष थीम पर सजाया जाना था, इसमें निगम ने अग्रसेन प्रतिमा चौराहे से शुरुआत की थी, लेकिन 2 साल बाद भी इसका काम पूरा नहीं हो पाया है।
छावनी से नवलखा की ओर जाने वाले हिस्से का लेफ्ट टर्न आज भी चौड़ा नही हो पाया है। इसी तरह से विजय नगर चौराहे को विकसित करने का काम शुरू किया गया था। निगम ने स्वच्छता सर्वे के लिए इसकी रोटरी छोटी कर दी गई, लेकिन सिग्नल व्यवस्था अभी भी नहीं बदली जा सकी है। वहीं, भंवरकुआं, खजराना, तीन इमली, मूसाखेड़ी, राजमोहल्ला, नवलखा, साकेत, पलासिया थाना, इंदौर वायर आदि चौराहों के विकास का काम अभी या तो शुरू नही हुआ। शुरू हुआ है तो अभी भी पूरा नहीं हुआ। बताया जा रहा है इसके पीछे मुख्य कारण निगम यातायात विभाग के पास बजट की कमी है। दरअसल, निगम यातायात शाखा को महज 2 करोड़ का ही बजट अलॉट किया गया था। इसमें चौराहों को विकसित करने के साथ ही इनके रख-रखाव, डिवाइडर जैसे अन्य काम भी करना है। लेकिन पैसों की तंगी के चलते ये व्यवस्था नही हो रही थी।
दूसरे चरण का भी रोका काम
निगम ने जो चौराहे पहले लिए थे, उनको ही अभी तक पूरा नहीं कर पाया है। इसके चलते नए चौराहों को विकसित करने की प्लानिंग ही नहीं की जा रही है। नगर निगम (सुभाष मार्ग), चिकमंगलूर, खातीवाला टैंक, मृगनयनी आदि शामिल हैं। इनको विकसित करने के लिए निगम में विचार किया गया, लेकिन इन्हें दूसरे चरण में पूरा करने के नाम पर रोक दिया गया था।
कुछ दिक्कत आ रही है
चौराहों के विकास का काम जारी है। हम लगातार काम कर रहे हैं। कुछ दिक्कत आ रही हैं। कहीं, जमीन का मसला है, कहीं, अन्य तरह की परेशानी है। हम उन्हें दूर कर रहे हंै। – देवेन्द्र सिंह, अपर आयुक्त
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