कभी सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा टाउन हॉल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। करीब ४६ वर्ष पहले बने इस टाउनहॉल का भीतरी हिस्सा भंगार की तरह हो चुका है। स्थिति यह है कि इस इमारत को जिर्णोद्वार भी नहीं किया जा सकता है। हालांकि अब कैंटबोर्ड द्वारा इसे नए सिरे तैयार किया जाएगा। जिसके लिए ड्राइंग डिजाइन के साथ प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। बता दे कि एक समय शहर के सांस्कृति कार्यक्रमों के लिए जाने वाला टाउन हॉल करीब सात वर्षो से बंद है।
जानकारी के अनुसार तीन वर्ष पहले जीएसआइटीएस कॉलेज के विशेषज्ञों द्वारा इस भवन की टेस्टिंग कराई थी, जिन्होंने भवन को उपयोगहीन बताते हुए कहा था कि इसकी मरम्मत भी नहीं कराई जा सकती है। हालांकि गत वर्ष परिषद के पार्षदों ने भवन का जो हिस्सा ठीक है, उसे उपयोग करने के लिए कहा था। लेकिन बाद में काम शुरू नहीं हुआ। बोर्ड सब इंजीनियर अमित व्यास ने बताया कि काफी समय से टाउनहॉल बंद है, यह इमारत उपयोग करने लायक नहीं बची है। इस भवन का जिर्णोद्वार नहीं किया जा सकता है। इसलिए नया प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। ताकि शहर को दोबारा टाउन हॉल नए रूप में मिल सके।
1974 में हुआ था निर्माण जानकारी के अनुसार टाउन हॉल का निर्माण 17 दिसंबर 1974 को हुआ था। इस दौरान इस भवन को बनाने में 7 लाख 55 हजार रूपए की लागत आई थी। थ्जसमें 2 लाख रूपए महू के प्रथम विधायक स्व. रूस्तम कावसजी जाल द्वारा दिए गए थे। जिसके बाद वर्ष 2006 -07 में भी उक्त भवन का नवीनीकरण व सौंदर्यीकरण किया गया। लेकिन यह ज्यादा समय तक नहीं चला और 2014-15 में इसे बंद कर दिया गया।
संास्कृतिक कार्यक्रम के लिए जाना जाता था महू में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सिर्फ टाउन हॉल ही था। यहां पर ही शहरभर के सांस्कृति आयोजन होते थे। लेकिन इस टाउनहॉल के बंद होने से संास्कृति कार्यक्रमों के लिए निजी भवन का उपयोग करना होता है। जो कि काफी महंगे पड़ते है। हालांकि बोर्ड द्वारा अब नया टाउन हॉल के साथ ही सदभावना मंडमप का निर्माण किया जा रहा है। जहां हॉल में सांस्कृतिक आयोजन होंगे, वहीं मंडपम में शादी समारोह आयोजित किए जाएंगे।