ज्ञापन में बताया कि जब विद्यार्थी स्थानांतरित विवि में जा रहे है, तो उनसे कहा जा रहा है कि जिस विषय से आप पीएचडी डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विवि में कर रहे थे, वह विषय हमारे विवि में नहीं है। आपकों विवि विषय सूची में पीएचडी करनी होगी। इसके परिणाम स्वरूप लगातार 5 साल से पीएचडी कर रहे विद्यार्थी धरने पर बैठे है। इस समस्या को लेकर विद्यार्थियों ने विवि के कुलपति को भी पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन कुलपति द्वारा भी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। साथ ही राज्यपाल को भी इस समस्या से अवगत कराया है। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई भी संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। शोधार्थियों की समस्याओं को लेकर निरंतर काफी लंबी अवधि से लापरवाही बरती जा रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि विवि प्रशासन एवं कुलपति द्वारा योजनाबद्ध तरीके से विवि में कार्यरत पीएचडी शोधार्थियों को शिक्षा से वंचित कर उनका भविष्य बर्बाद कर रहे है।
ये है मांगें
-सभी शोधार्थियों को स्थानांतरण निरस्त करें। आरडीसी का गठन भी इसी विवि में करे।
-शोधार्थियों को उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव के आधार पर गाइड/निर्देशक उपलब्ध कराए।
-जिन शोधार्थियों की आरडीसी कराई जा चुकी है, उनकी थेसिस जमा कराई जाए।
-किसी भी शोधार्थी को पीएचडी डिग्री पूरा कराए बिना उनका एडमिशन निरस्त ना करे।
-शोधार्थियों की फेलोशिप का शीघ्र निराकरण करे।
-आरडीसी कराने से पूर्व शोधार्थी से अंडस्टेकिग ली जाए।
-तत्कालीन कुलपति को विवि से हटाया जाए। अजा, अजजा या अन्य पिछड़ा वर्ग के कुलपति को नियुक्त किया जाए।