अंतिम समय में सिर्फ दो गज जमीन चाहिए, सैयदना साहब ने दिया प्रेम का संदेश

सैफी नगर में बोहरा समाज की आज से वाअज शुरू

<p>अंतिम समय में सिर्फ दो गज जमीन चाहिए, सैयदना साहब ने दिया प्रेम का संदेश</p>
इंदौर. बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन मौला की वाअज सैफी नगर मस्जिद में आज से शुरू हो गई है। पूरे विश्व से बोहरा समाज के लोग मोहर्रम के अवसर पर वाअज सुनने पहुंचे है। मौला को सुनने और दीदार के लिए अल सुबह से बोहरा समाजजनों की भीड़ सैफी नगर क्षेत्र में लग गई थी। मौला के आने के पहले ही अनुशासित ढंग से लाइन में लगकर प्रवेश लिया गया। सैयदना ने समाजजनों को प्रेम और भाइचारे के साथ रहने का संदेश देते हुए सदभाव कायम करने की सीख दी।

पहले दिन 40 हजार से ज्यादा समाजजनों के बीच सैयदना ने वाअज सुनाई। इस दौरान उन्होनें कहा कि 52 वें सैयदना साहब यमन की फतह करने गए थे उन्होने समाज में सदभाव फैलाने के लिए काम किया। इमाम हुसैन का जिक्र करने के साथ ही यमन कैसे पहुचें यह बताया।
एक दूसरे से प्रेम रखें
सैयदना साहब ने समाजजनों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को द्वेष भूलाकर एक दूसरे से प्रेम रखना चाहिए। किसी से बैर न रखें। इतना सोच कर रखें कि हमें अंतिम समय सिर्फ दो गज जमीन की चाहिए। पानी से बर्तन धोने के बाद भी उसे साफ करना चाहिए। अरबी में कुरान ए मजीद की तिलावत पर बयान फरमाते हुए उसका गुजराती व हिंदी में अनुवाद किया। उन्होनें आज के दिन का महत्व बताते हुए कहा कि आज के ही दिन आका हुसैन का घोड़ा कर्बला में अपने आप ही रूक गया था फिर वहीं पर हुसैन दस दिन रूके। समाजजनों को नमाज पाबंदी से पढऩे की सलाह दी।
100 स्क्रीन से प्रसारण
शहर में बोहरा समाज के लाखों पहुंचे है करीब 40 हजार लोगों के लिए सैफी नगर में सुनने की व्यवस्था की गई है। 100 स्क्रीन के माध्यम से जगह जगह प्रसारण किया जा रहा है। जो लोग प्रवेश नहंी पा सके वे लाइव प्रसारण से वाअज सुन रहे है। मोहर्रम की 2 तारीख (12 सितंबर) से 10 तारीख (20 सितंबर) तक मौला वाअज फरमाएंगे।
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