Personality: 21 साल की उम्र में गांव को ले लिया गोद, युवाओं को दे रहे प्रेरणा

पर्सनॉलिटीः नवीन कृष्ण राय आइआइएम इंदौर में है बिजनेस डवलपमेंट मैनेजर

<p>Naveen Krishna Rai &#8211; Indian Institute of Management, Indore</p>

इंदौर। जीवन में चुनौतियां और विपरित परिस्थितियां सिर्फ इसीलिए आती हैं ताकि आप खुद को भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकें। मेरे जन्म से तीन माह पूर्व ही मेरे पिताजी का देहांत हो गया था। वे आर्मी में हवलदार के पद पर थे और मां को मिलने वाली पेंशन से ही हमारे पूरे परिवार का खर्च चलता था। कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर मैंने अपनी शिक्षा पूर्ण की। जब मन में आत्मविश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं होता और कोई भी परेशानी आपका हौसला कम नहीं कर सकती। यही मैंने अपनी जीवन का सिद्धांत बनाया।

 

यह कहना है कि भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर ( Indian Institute of Management Indore ) में बिजनेस डिवेलप्मेंट मैनेजर ( business development manager ) के पद पर कार्य कर रहे 27 वर्षीय नवीन कृष्ण राय ( naveen krishna rai ) का। नवीन उत्तर प्रदेश में युवाओं के मार्गदर्शन के लिए कई प्रोग्राम तैयार कर चुके है।

 

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नवीन बताते हैं, मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के छोटे से गांव वीरपुर में हुआ। शुरुआती शिक्षा गांव में ही पूर्ण हुई। इसके बाद कक्षा 9 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय, इलाहाबाद में हुई और यहीं जीवन का टर्निंग पॉइंट रहा। वहां मैंने आत्मनिर्भर बनना सीखा। इसके बाद मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलाजी, गोरखपुर में एडमिशन हुआ। वहां पढ़ाई के दौरान मेरा रुझान इनोवेटिव कार्य करने में लगा। वहां सोशल इंजीनियर बोर्ड का गठन किया, जो बच्चों की काउंसिलिंग करने में मदद करता है।

 

 

21 साल की उम्र में गांव लिया गोद

अपनी बीटेक की पढ़ाई करते हुए तत्कालीन कमिश्नर गोरखपुर पी. गुरुप्रसाद के साथ मिलकर मोतीराम अड्डा गांव गोद लिया। वहां सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताया और जागरूक किया।

 

अटेंडेंस विद सेल्फी कार्यक्रम से लाए बदलाव

चंदौली, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन ज़िलाधिकारी कुमार प्रंशात के सहयोग से साल 2017 में नक्सल प्रभावित अतिपिछड़ा क्षेत्र माने जाने वाली तहसील नौगढ़ में देखा कि स्कूल दूर होने के कारण शिक्षक पढ़ाने नहीं आते थे और इस समस्या को हल करने के लिए अटेंडेंस विद सेल्फ़ी कार्यक्रम चलाया। चंदौली जनपद में 1500 स्कूलों में यह प्रोजेक्ट चलाया गया और काफी सफल भी रहा।

आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ( Director of IIM Indore Dr. Himanshu Rai ) को अपना गुरु मानने वाले नवीन कहते हैं कि वे आज जो कुछ भी हैं उनके गुरु का इसमें बहुत बड़ा योगदान है।

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