देश-विदेश की 32 एडल्ट वेबसाइट पर पहुंच गई इंदौर में बनी मॉडल की अश्लील फिल्म

बढ़ रहा हिंदी पोर्न का दायरा, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निगरानी नहीं
मॉडल्स को झांसा देकर बना रहे अश्लील फिल्म और कर रहे हिंदी पोर्न वेबसाइट पर प्रदर्शित
इंदौर-ग्वालियर में चल रही हिंदी एडल्ट साइट्स

<p>देश-विदेश की 32 एडल्ट वेबसाइट पर पहुंच गई इंदौर में बनी मॉडल की अश्लील फिल्म</p>
प्रमोद मिश्रा @ इंदौर. न कोई सेंसर बोर्ड और न ही कोई निगरानी, नतीजन ओटीटी (ओवर द टॉप) यानी इंटरनेट पर चलने वाली सेवा की आड़ में हिंदी पोर्न का दायरा बढ़ रहा है। यही परिणाम है कि धामनोद की मॉडल को झांसा देकर इंदौर में बनाई गई अश्लील फिल्म देश-विदेश के डोमेन पर चल रही 32 वेबसाइट्स पर प्रदर्शित हो चुकी है। इंदौर और ग्वालियर में कई लोगों ने विदेशी सर्वर पर पोर्न व एडल्ट वेबसाइट्स का रजिस्ट्रेशन करा रखा है, जिस पर धड़ल्ले से हिंदी फिल्में बिना किसी रोक-टोक के अपलोड हो रही हैं।
साइबर सेल ने पिछले दिनों धामनोद की मूल निवासी एक मॉडल की शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद आरोपी मिलिंद डावर निवासी रेसकोर्स रोड और अंकितसिंह चावड़ा निवासी गुरुगोविंद कॉलोनी को पकड़ा तो हिंदी पोर्न मार्केट का काला चेहरा सामने आ गया। पूछताछ के आधार पर पता चला, इंदौर व आसपास के जिलों में कई युवा ऐसे हैं जो मॉडलिंग व इवेंट में मौका देने की आड़ में युवतियों को झांसा देकर अश्लील फिल्में बना रहे हैं और उन्हें हिंदी एडल्ट व पोर्न वेबसाइट्स पर अपलोड कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। पहले यह गंदा काम गिनी-चुनी विदेशी वेबसाइट्स के जरिए होता था, लेकिन पिछले कुछ समय में बड़ी संंख्या में हिंदी वेबसाइट्स बन गई हैं जो ओटीटी पर वेबसीरीज की आड़ में पोर्न फिल्मों का करोड़ों का कारोबार कर रही हैं। मायानगरी कही जाने वाले मुंबई से निकलकर यह इंदौर, ग्वालियर व भोपाल के साथ ही कुछ अन्य जिलों तक पहुंच गई है।
धामनोद, रीवा व इंदौर की लड़कियां बनी शिकार

साइबर सेल के पास सबसे पहले पहुंची मॉडल मूल रूप से धामनोद की निवासी है। आरोप है, अल्ट बालाजी जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म पर क ाम दिलाने का झांसा देकर आरोपियों ने अश्लील फिल्म बनाई और उसे ब्लैकमेल कर चुप कर दिया। बाद में उसकी फिल्म को हिंदी पोर्न वेबसाइट को लाखों में बेच दिया। इस केस में आरोपी पकड़े तो इसके बाद एक रीवा की मॉडल और इंदौर की २ मॉडल भी आरोपियों के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंची। मॉडल्स का आरोप है, फिल्म बनाने के बाद ब्लैकमेल किया जा रहा था। शारीरिक शोषण भी किया। साइबर सेल ने जांच की तो पता चला किग्वालियर के निवासी ब्रजेंद्र गुर्जर ने डायरेक्टर का रोल निभाया था। ब्रजेंद्र ने अश्लील फिल्म की एक कंपनी बनाई, विदेशी सर्वर पर केशवसिंह के नाम से डोमेन रजिस्टर्ड किया और उस पर अश्लील फिल्म अपलोड कर दी। ब्रजेंद्र के बारे में पता चला कि वह एबी रोड के एक मॉल में मॉडल कास्टिंग का ऑफिस चलाता था, लेकिन अभी फरार है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी ने मुंबई जाकर वहां इस तरह का काम करने वाले युवकोंं को मॉडल की फिल्म 4 लाख में बेच दी। एक अश्लील वेबसाइट पर अपलोड की गई। बाद में पता चला कि इंदौर के गांधीनगर व स्कीम नं. 78 के बंगले में बनी यह फिल्म देश-विदेश के 32 डोमेन पर रजिस्टर्ड पोर्न व एडल्ट वेबसाइट्स पर अपलोड हो चुकी है। युवती के साथ इस फिल्म में आरोपी गजेंद्र उर्फ चंद्रावत उर्फ गज्जू निवासी बिचौली मर्दाना एक्टर की भूमिका में था। उसकी तलाश में पता चला कि आरोपी देहव्यापार में भी लिप्त है और इस मामले में गिरफ्तार होने के बाद जेल में है। उसे सोमवार को रिमांड पर लिया जा सकता है।
इंदौर-ग्वालियर में रजिस्टर्ड करा रखे हैं डोमेन

किसी भी तरह की फिल्म, टीवी सीरियल का प्रदर्शन करना है तो उसमें शामिल संवादों की जांच सेंसर बोर्ड करता है और उसमें अश्लीलता होने पर प्रदर्शन के लिए अस्वीकृत कर देता है, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली वेब सीरीज के लिए कोई नियम, कोई सेंसर बोर्ड नहीं है। सिनेमेट्रोग्राफी एक्ट में भी यह नहीं आता है। यही कारण है कि लगातार हिंदी पोर्न व एडल्ट वेबसाइट्स बन रही हैं। इंटरनेट की स्पीड बढऩा भी इसका एक बड़ा कारण है। इसमें लाखों की कमाई होने से बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। साइबर सेल की जांच में पता चला कि आरोपी विदेशी सर्वर पर डोमेन रजिस्टर्ड कर लेते हैं। आरोपी ब्रजेंद्र ने ग्वालियर के पते पर डोमेन रजिस्टर्ड कर रखा था। ब्रजेंद्र ने फेनो मूवीज के नाम से काम किया है। इंदौर में भी डोमेन रजिस्टर्ड होने की जानकारी मिली है। उल्लू, फेब 18, उकूकू, बनाना नाम से प्लेटफॉर्म पर हिंदी फिल्में अपलोड होती हैं। चूंकि कोई निगरानी नहीं है, इसलिए इस तरह की फिल्म में शामिल कलाकार के अनुबंध जरूर होना चाहिए जो साइबर सेल के केस में आरोपियों के पास नहीं हैं और इस कारण से पुख्ता कार्रवाई हो पा रही है। बताते हैं, कुछ लोगों ने इसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में कोर्ट में पीआईएल लगाई जिस पर आईटी एक्ट में केस दर्ज करने का अधिकार दिया है।
आरोपियों की अलग-अलग भूमिका

सोशल मीडिया ग्रुप्स पर नि:शुल्क उपलब्ध

पुलिस की छानबीन में पता चला कि अश्लीलता परोसने वाले ऐप्स सोशल मीडिया के ग्रुप्स पर नि:शुल्क उपलब्ध हैं। कोई भी इनमें शामिल होकर फिल्मों को अपलोड कर देख सकता है, बस अच्छी स्पीड के इंटरनेट की जरूरत होती है।
अलग-अलग तरीके से करते हैं कमाई

पुलिस को पता चला कि आरोपी कई दिन की शूटिंग कर फिल्म तैयार करते हैं। किसी तरह की एडिटिंग और फिर एडिटिंग कर अलग-अलग इसे बेच देते हैं। दोनों ही तरह की फिल्मों में लाखों रुपए मिल जाते हैं। एक लोकेशन से ज्यादा जगह जाकर शूटिंग की, लग्जरी आइट्म्स दिखाए तो उसकी राशि अलग मिलती है।
इंटरनेट का 60-70 प्रतिशत इस्तेमाल पोर्न साइट्स सर्च करने व देखने में

आधुनिक जीवन में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। सारी व्यवस्थाएं ऑनलाइन हो रही हैं। लेकिन हाल ही में देखने में आ रहा है कि 60-70 प्रतिशत इंटरनेट का इस्तेमाल पोर्न साइट्स सर्च करने और देखने में हो रहा है। सोशल मीडिया के जरिए इस्तेमाल बढ़ रहा है, लॉकडाउन के बाद इस तरह की एप्लीकेशन ज्यादा सामने आ रही हैं। प्रचलित पोर्न वेबसाइट्स पर तो प्रतिबंध लग गया, लेकिन इस तरह की एप्लीकेशन पर नहीं लगा। सरकार को ऐसे प्रबंध करना होंगे, जिससे उनकी निगरानी शुरू हो सके। पुलिस को भी संज्ञान लेना होगा।
-चातक वाजपेयी, साइबर एक्सपर्ट
वेबसाइट्स को फिल्म हटाने के लिए नोटिस दिया

मॉडल की शिकायत पर दर्ज केस में आरोपियों की तलाश जारी है। कई तरह की एप्लीकेशन की बात सामने आई है, जिनमें इस तरह की अश्लील फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं। 32 डोमेन पर बनी वेबसाइट्स पर फिल्म अपलोड होने की जानकारी मिली है, जिस पर सभी को आईटी एक्ट के तहत नोटिस देकर इसे हटाने के लिए कहा है। किस आधार पर फिल्म अपलोड हुई इसकी जानकारी भी मांगी है। इनके सर्वर रजिस्ट्रेशन की भी जानकारी मांगी है।
जितेंद्रसिंह, एसपी साइबर सेल
अश्लीलता के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

एप्लीकेशन के जरिए अश्लीलता फैलाने की जानकारी मिली है। जिन एप्लीकेशन अथवा प्लेटफॉर्म के जरिए यह अश्लीलता फैलाई जा रही है, उनकी क्राइम ब्रांच निगरानी करेगी और साक्ष्य हासिल कर कार्रवाई की जाएगी।
हरिनारायणाचारी मिश्रा, डीआईजी
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