महू तहसील में कई पर्यटक स्थल है, जो बारिश होते ही आबाद हो जाते है। इनमें प्राकृतिक सौंदर्य से भरपुर पातालपानी में सबसे ज्यादा पर्यटक आते है। इस पिकनिक स्पॉट पर सबसे ज्यादा हादसे भी होते है। बीते कुछ वर्षो में यहां दर्जनभर से अधिक हादसे हो चुके है। रविवार को 7 हजार से अधिक लोग यहां घूमने आए और इनमें से कई लोग अपनी जान जोखिम में डालकर रैलिंग पार कर झरने के बाद पहुंच गए। गनीमित रही अचानक पानी का बहाव नहीं बढ़ा, नहीं तो बड़ा हादसा होते देर नहीं लगती।
कोरोना काल में पाबंदी के बाद रविवार से पर्यटक स्थल अनलॉक हो गए है। सुबह से ही बड़ी संख्या में यहां लोगों का आना शुरू हो गया था। दोपहर तक यहां हजारों की तादात में पर्यटक पहुंच गए। इनमें से कई लोग झरना के पास लगी रैलिंग को पार कर नदी के बीच में पहुंचकर सेल्फी लेने लगे। पूरे पर्यटक स्थल की सुरक्षा के लिए यहां एक ही पुलिसकर्मी लगा हुआ था। एक-दूसरे को देख यहां धीरे-धीरे सैकड़ो लोग एकत्र हो गए।
मीडिया को देख पुलिसकर्मी हुआ सक्रिय कुछ देर बाद जब मीडिया झरने के पास पहुंची तो पुलिसकर्मी सक्रिय हो गया। और रैलिंग पास कर लोगों को हटाने लगा। इधर झरने के सामने रैलिंग पर चढ़कर लोग सेल्फी लेते रहे, ऐसे में पैर फिसलने पर सीधे १५० फिट नीचे खाई में गिरने का डर था। इसके अलावा कई लोग रेलवे पटरी से होतेहुए पहाड़ी के दूसरे झोर पर पहुंचकर फोटोग्राफी करने लगे, जो कि काफी जोखिमभरा था।
अचानक बढ़ जाता है पानी पहाड़ी नदी होने के कारण यहां अचानक पानी का बहाव बढ़ जाता है। और देखते-देखते ही पानी तेजी से बढ़ जाता है। 2011 में भी राठी परिवार के चार सदस्य अचानक पानी के तेज बहाव में पहाड़ पर फंस गए थे. इस दौरान दो अन्य लोग भी फंसे थे. काफी कोशिश के बाद भी राठी परिवार के चार सदस्य बह गए थे और खाई में चले गए थे। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा सख्ती नहंी दिखाई जा रही है। न ही पर्यटक नियमों का पालन करते है।