बंद हो सकती हैं सभी ओपीडी

कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सरकार भेजा प्रस्ताव

<p>ओपीडी</p>
इंदौर. शहर में बढ़ते संक्रमण का खामियाजा अब उन मरीजों को भी भुगतना पड़ सकता है, जो अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। जल्द ही इस पर निर्णय लेते हुए सामान्य मरीजों को अस्पताल की ओपीडी में आकर इलाज करवाने की सुविधा छीन सकती है। इस संबंध में एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने राज्य सरकार के समक्ष प्रस्ताव भी रख दिया है। कभी-भी इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है।
दरअसल, शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती तादाद की वजह से अब डॉक्टरों की कमी पडऩे लगी है। शहर के 4 सरकारी कोविड अस्पतालों में लगभग सभी बिस्तरों पर मरीज भर्ती हो रहे हैं।
ऐसे में अस्पताल के पास व्यवस्था संभालने के लिए डॉक्टर व अन्य स्टॉफ की भारी कमी हो रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए ओपीडी में पदस्थ डॉक्टर व स्टॉफ को भी कोविड मरीजों की ड्यूटी में लगाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। फिलहाल ओपीडी में करीब ५० से ज्यादा डॉक्टर और करीब ७० नर्सिंग स्टॉफ अपनी सेवाएं दे रहा हैं। इन सभी की कोविड अस्पताल में ड्यूटी लगाने से काफी हद तक स्टॉफ व डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाएगी।
जल्द ही चाचा नेहरू अस्पताल भी होगा शुरू
बढ़ते मरीजों को देखते हुए चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय को भी कोविड मरीजों के लिए शुरू किए जाने की योजना बन चुकी है। यहां पर 100 मरीजों के भर्ती करने की व्यवस्था है। यदि मरीज इसी तरह बढ़ते रहे तो अस्पताल के अन्य स्टॉफ को भी कोविड ड्यूटी में लगाया जाएगा। फिल्हाल ४ सरकारी कोविड अस्पतालों में 920 बिस्तरों पर 520 मरीजों को भर्ती किया है। 400 बेड पर मरीजों को इसलिए बिस्तर नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि देखरेख के लिए डॉक्टर व स्टॉफ की कमी है। 150 डॉक्टर और 200 के करीब पैरा मेडिकल स्टॉफ इन अस्पतालों की व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं।
अतिरिक्त डॉक्टरों की हो जाएगी व्यवस्था
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इंदौर और भोपाल मेडिकल कॉलेज द्वारा शासन के समक्ष ओपीडी को कुछ दिन के लिए बंद करने का प्रस्ताव रखा जाता है। यदि प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो हमारे पर अतिरिक्त डॉक्टर व नर्स की व्यवस्था हो जाएगी। -डॉ. संजय दीक्षित, डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज
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