एक करोड़ में बेचना चाहते थे 20 साल पुरानी बाघ की खाल, 3 गिरफ्तार

10 लाख मूल्य के दो कछुए भी बरामद
विशेषज्ञों का अनुमान 10 फीट का रहा होगा टाइगर

 

<p>एक करोड़ में बेचना चाहते थे 20 साल पुरानी बाघ की खाल, 3 गिरफ्तार</p>
इंदौर. तंत्र क्रिया के लिए इस्तेमाल होने वाली बाघ (टाइगर) की खाल और 2 कछुओं के साथ पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। टाइगर की खाली 20 से 25 साल पुरानी है, आरोपी उसे एक करोड़ रुपए में बेचने के लिए ग्राहक ढूंढ़ रहे थे। पुलिस को सूचना मिली तो कर्मचारियों ने बाघ की खाल खरीदने के लिए आरोपियों से बात की और जब वे खाल लेकर आए तो उन्हें पकड़ लिया। आइजी हरिनारायणाचारी मिश्रा के मुताबिक, खजराना पुलिस की टीम ने आरोपी प्रकाश पिता बाबूलाल सेन निवासी महू, सुनील पिता राजेंद्र प्रसाद बसोड निवासी कुलकर्णी का भट्टा और राम पिता जगन्नाथ चौहान निवासी तेजाजीनगर को गिरफ्तार कर 2 कछुए व बाघ की खाल जब्त की।
पुलिस ने वन विभाग से जुड़े विशेषज्ञों से खाल की जांच कराई तो वह असली और पुरानी बताई गई। आरोपियों से जो खाल व कुछए बरामद हुए वह तांत्रिक क्रियाओं में इस्तेमाल होते हैं। आरोपी इस तरह का काम करने वाले लोगों को बेचने के लिए घूम रहे थे। कछुओं की कीमत करीब 10 लाख रुपए आंकी गई है। आइजी के मुतबिक, इस तरह के कछुओ के नाखूनों का इस्तेमाल सेक्स क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं में होता है।
एएसपी राजेश रघुवंशी व सीएसपी अनिलसिंह राठौर ने पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी प्रकाश नरसिंहपुर में रहने वाले शैलेंद्र अग्रवाल से यह खाल लाया था। उसका कहना है कि वह शैलेंद्र के यहां काम करता है, बाघ की खाल उनकी पुश्तैनी खाल है और बेचने के लिए उसे दी थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि शैलेंद्र पहले भी इस तरह के मामलों में पकड़ा चुका है। जिस बाघ की खाल मिली अनुमान लगाया जा रहा है कि वह करीब 10 फीट का होगा। पुलिस ने वन्य प्राणी का शिकारी अधिनियम व धारा 39 प्राणी सरकार की संपत्ति होना के तहत केस दर्ज किया है।
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