पहले रेप फिर हत्या… अब 12 साल बाद शव का होगा पोस्टमार्टम

Ayesha Meera murder: संयुक्त आंध्र प्रदेश के चर्चित ऐश यानी आयशा मीरा हत्या कांड (Ayesha Meera murder case) में फिर नया मोड़ आया है। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिशा बिल पास करने से परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद है। 12 साल से प्रदर्शन कर रही ऐश की मां की आंखें बेटी की याद में नम हैं। फार्मेसी की छात्रा ऐश की विजयवाड़ा के एक वीमेन होस्टल में रेप के बाद हत्या (Murder after rape in women’s hostel) कर दी गई थी।

<p>पहले रेप फिर हत्या&#8230; अब 12 साल बाद शव का होगा पोस्टमार्टम</p>

आंध्र प्रदेश के ऐश हत्याकांड में उलझे हैं कई पेच
गुंटूर के कब्रिस्तान में फार्मेसी छात्रा का शव दफन था
विजयवाडा के वूमन हॉस्टल में बलात्कार के बाद हुयी हत्या

हैदराबाद

संयुक्त आंध्र प्रदेश के चर्चित ऐश यानी आयशा मीरा हत्या कांड में फिर नया मोड़ आया है। आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिशा बिल पास करने से परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद है। 12 साल से प्रदर्शन कर रही ऐश की मां की आंखें बेटी की याद में नम हैं। फार्मेसी की छात्रा ऐश की विजयवाड़ा के एक वीमेन होस्टल में रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। ऐश की मां शमशाद बेगम आंध्र प्रदेश के एक पूर्व मंत्री के रिश्तेदार को आरोपी बताती रही मगर मगर पुलिस ने जानबूझ कर इस ऐंगल पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस ने गुरविंदर सिंह उर्फ लड्डू नाम के एक बदमाश को आरोपी बताकर गिरफ्तार किया लेकिन कुछ ही दिनों में इस मामले में सत्यम बाबू का आ गया और पुलिस ने उसे ही असली गुनहगार बताया। निचली अदालत ने उसे 10 साल की सजा भी सुना दी मगर हाईकोर्ट को पुलिस की कहानी में झोल नजर आया तो मामला सीबीआई के हवाले कर दिया। अब 12 साल बाद फॉरेंसिक जांच के लिए ऐश का शव फिर से निकाला जा रहा है ताकि आरोपियों की पहचान हो सके और छात्रा के घर वालों को इंसाफ मिल सके।

कहां दफन था ऐश का शव?

गुंटूर जिले के तेनाली कस्बे के कब्रिस्तान में दफन ऐश के शव के अवशेषों को निकाला गया। उसका दोबारा पोस्ट मॉर्टम किया जाएगा ताकि फॉरेंसिक जांच के लिए सैंपल लिए जा सकें। फॉरेन्सिक विषेशज्ञों का मानना है कि यदि शरीर पर गंभीर जख्म होंगे तो दिखाई देने की संभावना है। इतना ही नहीं टूटी हुई हड्डियों पर भी जख्म दिखाई देंगे। आयशा के परिवार के लोग और समाज के कुछ वरिष्ठ लोग कब्रिस्तान में मौजूद रहे।

क्या है पूरा मामला

27 दिसंबर 2007 को विजयवाड़ा के पास इब्राहिमपटनम स्थित एक छात्रावास में ऐश की रेप के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के मामले में आंध्र के कुछ प्रमुख नेताओं के लड़कों के नाम सामने आए तो पुलिस तो पुलिस की लापरवाही से वे साबित नहीं हो सके। पुलिस ने गुरविंदर सिंह उर्फ लड्डू नाम के एक बदमाश को आरोपी बताकर गिरफ्तार किया। उसका पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ और कई बार जमानत रद्द हुई। अचानक विजयवाड़ा पुलिस ने 9 महीने बाद सत्यम बाबू को गिरफ्तार किया। निचली अदालत ने वर्ष 2010 में सत्यम बाबू को 10 साल की सजा सुना दी। 8 साल बाद जब हाईकोर्ट ने सुनवाई में पाया कि पुलिस की कहानी में कई झोल हैं तो सत्यम को बरी कर दिया और पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई अब मामले की फिर से जांच कर रही है। 20 दिसंबर से पहले आयशा मीरा के शव का फिर से पोस्टमार्टम करने का फैसला लिया गया है जिसके लिए 14 दिसंबर को सुबह से कब्र की खुदाई करवायी गई।

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