हुबली

यालवार गांव में बाल अधिकारिता का कार्यक्रम

यालवार गांव में बाल अधिकारिता का कार्यक्रम

हुबलीNov 27, 2020 / 11:12 pm

S F Munshi

यालवार गांव में बाल अधिकारिता का कार्यक्रम

यालवार गांव में बाल अधिकारिता का कार्यक्रम
विजयपुर
उज्वला ग्रामीण विकास सेवा संस्थान इंडिया लिट्रसी प्रोजेक्ट शिक्षा यात्रा योजना योजना देवरहिप्परगी तथा जिला प्रशासन के सहयोग से बाल अधिकारिता से संबंधित विशेष कार्यक्रम यालवार ग्राम पंचायत के प्रांगण में आयोजित किया। इस अवसर पर उज्जवल संस्थान के निदेशक वासुदेव तोलबंदी ने कहा कि बच्चे भगवान समान होते हैं जिस गांव में बच्चों के समर्थक चिंतक होंगे वह गांव स्वर्ग से भी सुंदर होगा।
उन्होंने कहा कि 0 से 5 साल तक के बच्चों का विकास 90 प्रतिशत तक होता है। बच्चों के विकास का आधार आंगनवाडी है। माताओं, परिवार के सदस्यों, आंगनवाडी के कार्यकर्ताओं, विद्यालय, बाल विकास समिति, एस.डी.एम.सी तथा ग्राम पंचायत की गतिविधियां बच्चों के अनुकूल हो। शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली की आपूर्ति उपयुक्त तौर पर होनी चाहिए। जच्चा बच्चा की मृत्यु की औसत शून्य प्रतिशत होनी चाहिए। आर्थिक रूप से पिछड़े मरीजों को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। ग्रामीण स्तरीय बच्चों की सेवा में नौ विभाग तत्पर है। बच्चों की सुरक्षा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए 100, 112, 1098 सहायतावाणी पर सपर्क करने की अपील की गई है कोरोना के दौरान बच्चों को घर के कार्य व पढ़ाई के बारे में बच्चों को प्रोत्साहित करने को कहा। इस अवसर पर तालुक समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक निर्मला बूसगोंड ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से बच्चों को निशुल्क स्कॉलरशिप मुहैया करवाया जा रहा अत: इस सुविघा का लाभ सभी को उठाना चाहिए। ग्राम पंचायत की ओर से दस सप्ताह तक बाल अधिकारिता कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ विभाग की ओर से आंगनवाडी तथा विद्यालय को संपूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। जिला चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 जिला समन्वयक सुनंदा तोलबंदी ने कहा कि बाल विवाह, बाल श्रम, बाल विपणन, बाल वेश्यावृत्ति, बाल शोषण और बाल न्याय अधिनियम के अंतर्गत पोक्सो 2012 तथा चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की सेवा चौबीस घंटे उपलब्ध किया जा सकता है। अठारह वर्ष तक के सभी लोग 1098 हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी समस्याओं का सामाधान पा सकते हैं। अपनी समस्याओं का बयां करते हुए विद्यालय तथा आंगनवाडी के कार्यकर्ताओं ने विद्यालय तथा आंगनवाडी के लिए इमारत, कंपाउंड बनवाने, गेट की मरम्मत करवाने , पेयजल की व्यवस्था करवाने सहित निर्माण करवाने की मांग रखी। विद्यालय में कंप्यूटर व ग्रंथालय की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग रखी। कार्यकर्ताओं ने बिजली की समस्याओं से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। इस पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी राजेश्वरी देवूर मुआवजा देने का भरोसा दिलवाया। उज्वला-आईएलपी परियोजना के समन्वयक सागर घाटगे ने कहा कि संविधान में 73वां संशोधन 1993 में पंचायत राज विभाग द्वारा अधिनियमित किया गया था। हमारे देश में 11 दिसंबर 1992 को बाल अधिकारों की घोषणा की गई थी। इस अवसर पर महिला तथा बाल कल्याण विभाग की क्षेत्र समन्वयक चोरम्मा बिरादार, सार्वजनिक शिक्षा विभाग की सीआरसी महांतेश कालगी, स्वास्थ्य विभाग के डॉ. आनंद होन्नल्ली ने विचार व्यक्त किए। मंच पर महिला तथा बाल विकास विभाग की योजना अधिकारी दीपाक्षी जानकी, माध्यमिक विद्यालय के प्रमुख अध्यापक एमवाई जावडगी गांव के प्रमुख राजुगौडा नाडगौडा उपस्थित थे।

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