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चार किलोमीटर क्षेत्र में प्रभाव
बताया जा रहा है कि ज्वालामुखी फटने से करीब चार किलोमीटर क्षेत्र में इसका प्रभाव देखा गया। विस्फोट के बाद राख का गुबार आसमान में 4000 मीटर (13,120 फीट) की ऊंचाई तक गया। घटनास्थल के आस-पास के 20 से ज्यादा गांवों से तकरीबन 2,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पहुंचाया जा चुका है।
2,800 लोगों को सुरक्षित निकाला
इस प्राकृतिक आपदा के कारण 2,800 से अधिक निवासियों को दूसरी जगह शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालांकि अभी तक विस्फोट के कारण किसी की मौत या घायल होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी का कहना है कि अभी वहां लगभग 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। आपको बता दें कि इस तरह के ज्वालामुखी का इफैक्ट महीनों तक दिखता है।
स्थानीय हवाई अड्डे बंद
परिवहन मंत्रालय ने विस्फोट के बाद उड़ानों को लेकर चेतावनी जारी की थी। द्वीप के एक स्थानीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है। इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में इली लेवेतलो ज्वालामुखी रविवार को सक्रिय हो गया जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है। एजेंसी फॉर वोल्कोलॉजी एंड जियोलॉजिकल डिजास्टर मिटिगेशन के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा कि ज्वालामुखी के फटने के बाद आसपास के इलाके को हाई अलर्ट जारी किया गया है।