यह सभी न्यूज एजेंसी असोसिएटेड प्रेस (एपी) के लिए काम करते हैं। ये तीनों ही फोटोग्राफर्स ( Photographers ) जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। आनंद जम्मू में रहते हैं वहीं यासिन और मुख्तार श्रीनगर के निवासी हैं। चन्नू आनंद पिछले 20 सालों से एपी के साथ काम कर रहे हैं। देर रात इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों की घोषणा हुई।
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इन तीनों ने ही घाटी के सामान्य जनजीवन के साथ ही प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की तस्वीरों को भी दुनिया तक पहुंचाया। आनंद ने पुलित्जर जीतने पर कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित हूं। मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।’ पिछले साल पांच अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था।
पत्रकार युसूफ जमील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के पत्रकारों के लिए यह गर्व की बात है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों के लिए यह साल मुश्किल रहा और पिछले 30 साल को देखते हुए यह कह पाना आसान नहीं है। तीनों ही पत्रकार को प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए शुभकामनाएं।’
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी फोटो पत्रकारों को बधाई देते हुए ट्वीटर पर लिखा , ‘ अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान को गैरकानूनी तरीके से हटाए जाने के बाद कश्मीर में उत्पन्न हुए मानवीय संकट को तस्वीरों में उतारने के लिए यासिन डार, मुख्तार खान को बधाई।