अरब स्प्रिंग, क्रांति की एक ऐसी लहर थी जिसने धरना, विरोध-प्रदर्शन, दंगा तथा सशस्त्र संघर्ष की बदौलत पूरे अरब जगत के संग समूचे विश्व को हिला कर रख दिया। मुर्तजा पर आरोप है कि उसने अपने कार्यकर्ता भाई अली कुरेइरिस का अरब स्प्रिंग के दौरान साथ दिया था, उस वक्त उसने मोटरसाइकिल पर सवार होकर स्वामिया शहर स्थित पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर कॉकटेल फेंका था। साथ ही मुर्तजा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप है।
अब मुर्तजा 18 साल का हो गया है। सऊदी अरब ने उसे मौत की सजा सुना दी है। 10 साल की उम्र में वह अरब में जगह-जगह पर जाकर विरोध प्रदर्शन करता था और साइकिल पर बैठकर बोलता था, “लोग मानवाधिकारों की मांग कर रहे हैं।” इस घटना को अब तीन साल हो गए थे उस समय वह अपने परिवार के साथ बेहराइन की तरफ जा रहा था। इसी दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मुर्तजा को वकीलों और कार्यकर्ताओं ने सऊदी अरब का सबसे युवा राजनीतिक कैदी करार दिया था।
अधिकार समूह रिप्राइव के मुताबिक, बीते अप्रैल महीने में सऊदी अरब ने घोषणा करते हुए बताया था कि उसने मुर्तजा ने 37 पुरुषों को मार डाला है। उनका दावा था की मरे हुए लोगों में अधिकतर शिया समुदाय से थे। गौरतलब है कि सऊदी अरब दुनिया में सबसे अधिक फांसी देने वाला देश बन गया है। यहां नाबालिक कैदियों को भी मौत की सज़ा देने का फरमान है।