10 साल की उम्र से ही सऊदी अरब सरकार की आंखों में किरकिरी बन गया था ये बच्चा, गिरफ्तारी के बाद अब मौत की सज़ा

मुर्तजा कुरेइरिस को मिल सकती है फांसी की सज़ा
अरब स्प्रिंग के दौरान सरकार के खिलाफ उतरा था सड़कों पर
वकीलों के मुताबिक, सऊदी अरब का सबसे युवा राजनीतिक कैदी है मुर्तज़ा

<p>10 साल की उम्र से ही सऊदी अरब सरकार की आंखों में किरकिरी बन गया था ये बच्चा, गिरफतारी के बाद अब मौत की सज़ा</p>

नई दिल्ली। सऊदी अरब ( Saudi Arabia ) की सरकार शायद 18 वर्षीय मुर्तजा कुरेइरिस ( Murtaja Qureiris ) को फांसी की सजा सुनाने वाली है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुर्तजा को महज 13 साल की उम्र में गिरफ्तार कर लिया गया था। उसपर आरोप था कि उसने साल 2011 में महज 10 साल की उम्र में करीब 30 बच्चों को लेकर रैली निकाली थी और सऊदी अरब सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे। यह वही समय था जब सऊदी अरब में अरब स्प्रिंग ( Arab Spring ) चरम पर था।

क्या है अरब स्प्रिंग

अरब स्प्रिंग, क्रांति की एक ऐसी लहर थी जिसने धरना, विरोध-प्रदर्शन, दंगा तथा सशस्त्र संघर्ष की बदौलत पूरे अरब जगत के संग समूचे विश्व को हिला कर रख दिया। मुर्तजा पर आरोप है कि उसने अपने कार्यकर्ता भाई अली कुरेइरिस का अरब स्प्रिंग के दौरान साथ दिया था, उस वक्त उसने मोटरसाइकिल पर सवार होकर स्वामिया शहर स्थित पुलिस स्टेशन पर कथित तौर पर कॉकटेल फेंका था। साथ ही मुर्तजा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप है।

बॉर्डर पार करते समय हुआ गिरफ्तार

अब मुर्तजा 18 साल का हो गया है। सऊदी अरब ने उसे मौत की सजा सुना दी है। 10 साल की उम्र में वह अरब में जगह-जगह पर जाकर विरोध प्रदर्शन करता था और साइकिल पर बैठकर बोलता था, “लोग मानवाधिकारों की मांग कर रहे हैं।” इस घटना को अब तीन साल हो गए थे उस समय वह अपने परिवार के साथ बेहराइन की तरफ जा रहा था। इसी दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मुर्तजा को वकीलों और कार्यकर्ताओं ने सऊदी अरब का सबसे युवा राजनीतिक कैदी करार दिया था।

Murtaja Qureiris
सरकार का आरोप 37 पुरुषों को उतारा मौत के घाट

अधिकार समूह रिप्राइव के मुताबिक, बीते अप्रैल महीने में सऊदी अरब ने घोषणा करते हुए बताया था कि उसने मुर्तजा ने 37 पुरुषों को मार डाला है। उनका दावा था की मरे हुए लोगों में अधिकतर शिया समुदाय से थे। गौरतलब है कि सऊदी अरब दुनिया में सबसे अधिक फांसी देने वाला देश बन गया है। यहां नाबालिक कैदियों को भी मौत की सज़ा देने का फरमान है।

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