इस मेले में सबकी आखें सिर्फ देवराज घोड़े पर ही टिकी रही। देवराज के मालिक अमनदीप सन्नी ने बताया कि देवराज नामक घोड़े के पांच बच्चे इंडियन चैंपियनशिप के विजेता बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब देवराज को खरीदने के लिए कई घोड़ा प्रेमियों ने ब्लैंक चैक तक ऑफर किए हैं, लेकिन उन्होंने इसे नहीं बेचा। देवराज को हमने अपने शौक के लिए पाला हुआ है।
बता दे कि इस मेले में बेहतरीन नस्ल के 300 घोड़े और घोड़ियों ने हिस्सा लिया। जो ज्यादातर पंजाब राजस्थान जयपुर, और अजमेर से आए घोड़े थे इन घोड़ों की कीमत भी हैरान कर देने वाली थी। मेले में पांच लाख रुपये से लेकर पांच करोड़ तक के घोड़े थे। इस मेले में चांदी और मारवाड़े और नुकरा नसल के घोड़े विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
फरीदकोट में गोविंद सिंह हॉर्स ब्रीड सोसाइटी द्वारा आयोजित मेले में घोड़ों के शो का आयोजन किया गया. पंजाब सरकार द्वारा आयोजित इस मेले का उद्देश्य पशु पालकों को बढ़ावा देना और पशुओं की नस्ल में सुधार करना है।