हौसलें को सलाम: घर का बोझ उठाने के लिए पूजा ने किया ये काम, जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर से बनाई अलग पहचान

जम्मू-कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर बनी पूजा देवी

<p>Pooja Devi becomes first female bus driver</p>

नई दिल्ली। मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है स बात को सच कर दिखाया है जम्मू-कश्मीर के कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने। जिसनें घर के दर्द के समझकर यैसा कदम उठाया कि आज वो घर घर में एक ड्राइवर के रूप में पहचानी जाने लगी है। जम्मू -कश्मीर ऐसा राज्य है जहां की सुंदरता की लोग तारीफ करते नही थकते है और इन्ही के बीच इस महिला बस ड्राइवर इस महिला की तारीफ करते नही थक रहे है।

बता दें जम्मू -कश्मीर की इस रहसीन व दियों के अभी तक लोगों को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुचाने काम सिर्फ मर्द ही किया करते थे। लेकिन अब पूजा नें इस पुरानी पंरपरा को तोड़ते हुए हर यात्रियों को उनके पड़ाव तक पहुताने का जिम्मा अपने कंधे ले लिया है। वो यिस राज्य की पहली ऐसी महिला है जो बस यात्री ड्राइवर बन हर यात्री को उनके पड़ाव तक पहुचाने का काम कर रही हैं।

महिला ड्राइवर पूजा के इस काम को देख लोग उनके हौसले की तारीफ कर रहे हैं। कठुआ जिले के सुदूर संधार-बसोहली गांव में पली-बढ़ी 30 साल की पूजा ज्यादा पढ़ी लिखी नही है। और इस कारण उनको दूसरे रोजगार मिलने की भी उम्मीद नही है। इसके चलते उन्होंने अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ड्राइविंग करने का फैसला लिया।

सबसे पहले पूजा नें कार चलाई इसके बाद टैक्सी फिर भारी वाहनों में ट्रक भी चलाया। भले ही परिवार ने इस बात का विरोध भी किया लेकिन उसने कभी हार नही मानी। अब वो बस चलाकर अपने परिवार का गुजारा कर रही है रोज अपने बेटे को बस में ड्राइवर सीट के पीछे बैठाकर रोज निकल जाती है अपने नए सफर की ओर।

पूजा ने इस प्रोफेशनल ड्राइवर बनने के फैसले को लेकर कहा कि आज महिलाएं फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं। मैं टैबू को तोड़ना चाहती थी कि केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिला भी यात्री बस चला सकती है. मैं उन सभी महिलाओं को संदेश देना चाहती थी, जो चुनौतीपूर्ण नौकरियों में अपना हाथ आजमाना चाहती हैं और परिवार उन्हें अपने सपनों को पूरा नहीं करने देते हैं।

जब उनसे यह पूछे गया कि उन्होंने यह पेशा क्यों चुना, पूजा ने जवाब दिया कि अगर महिलाएं पायलट, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी हो सकती हैं और अन्य रूप में काम कर सकती हैं, तो वे पेशेवर ड्राइवर क्यों नहीं बन सकतीं. पूजा देवी ने कहा, ”हर पड़ाव पर, लोग मेरा स्वागत करते हैं और मेरे फैसले की सराहना करते हैं. मुझे लोगों और अन्य ड्राइवरों से बहुत स्नेह मिला है। उनकी प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक और उत्साहजनक है।

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