राम मंदिर भूमि पूजन के इस खास मौके पर पीएम के आईआईटी में बने मास्क को पहनने पर संस्थान के लोग काफी खुश हैं। आईआईटी के मुताबिक ये मास्क पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। वहीं इसे बनाने वाले ई-स्पिन के निदेशक डॉ संदीप पाटिल का कहना है कि इस मास्क की विजिबिलिटी, फिल्टरेशन और क्षमता दूसरे मास्क के मुकाबले ज्यादा बेहतर है। यह पहला मास्क है, जो नील्सन द्वारा सर्टिफाइड है।
मास्क की खासियत
ये मास्क पीएम 0.3 और पीएम 2.5 के मानक के अनुसार बनाया गया है। यह मास्क थ्री-एम का रिप्लेसमेंट है। इस मास्क का पहली बार निर्माण तीन जनवरी, 2019 में शुरू हुआ था। कंपनी N95 और N99 श्वासा मास्क दोनों का निर्माण कर रही है। प्रतिदिन 50 से 60 हजार मास्क बनाए जा रहे हैं। मास्क की अच्छी बात यह है कि ये बेहद ही किफायती है इसलिए इसे आम लोग आसानी से खरीद सकते हैं।
ये मास्क पीएम 0.3 और पीएम 2.5 के मानक के अनुसार बनाया गया है। यह मास्क थ्री-एम का रिप्लेसमेंट है। इस मास्क का पहली बार निर्माण तीन जनवरी, 2019 में शुरू हुआ था। कंपनी N95 और N99 श्वासा मास्क दोनों का निर्माण कर रही है। प्रतिदिन 50 से 60 हजार मास्क बनाए जा रहे हैं। मास्क की अच्छी बात यह है कि ये बेहद ही किफायती है इसलिए इसे आम लोग आसानी से खरीद सकते हैं।
आईआईटी कानपुर के लिए बताया गौरव
देश के लिए सबसे अहम मौके पर पीएम मोदी की ओर से श्वासा मास्क के पहने जाने से संस्थानकर्मी बेहद खुश हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके लिए खुशी भी जाहिर की। आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर ने लिखा कि हमारी टीम प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन के दौरान हमारे मास्क के इस्तेमाल से काफी प्रसन्न है। यह भारतीय स्टार्टअप और इनोवेशन की क्वालिटी और क्षमता का सबूत है। आईआईटी कानपुर को कई यूजर्स भी इस बात के लिए बधाई दे रहे हैं। कई यूजर्स का कहना है कि इससे भारतीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यंग टैलेंट को नए अवसर मिलेंगे।
देश के लिए सबसे अहम मौके पर पीएम मोदी की ओर से श्वासा मास्क के पहने जाने से संस्थानकर्मी बेहद खुश हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके लिए खुशी भी जाहिर की। आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर ने लिखा कि हमारी टीम प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन के दौरान हमारे मास्क के इस्तेमाल से काफी प्रसन्न है। यह भारतीय स्टार्टअप और इनोवेशन की क्वालिटी और क्षमता का सबूत है। आईआईटी कानपुर को कई यूजर्स भी इस बात के लिए बधाई दे रहे हैं। कई यूजर्स का कहना है कि इससे भारतीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यंग टैलेंट को नए अवसर मिलेंगे।