गरीबी इंसान के लिए सबसे बड़ी बीमारी होती है। जिसके सामने व्यक्ति इतना लाचार हो जाता है। कि सोचने समझने की शक्ति तक खो देता है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में मजबूरी करने वाले एक जोड़े ने अपनी 16 साल की बेटी के इलाज के लिए अपनी दूसरी बेटी को बेच दिया। माता-पिता अपनी बड़ी बेटी के इलाज कराने में असमर्थ थे बेटी की बीमारी में उनका पैसा काफी लग था।
बताया जा रहा है कि गरीब दंपति की माली हालत को देखते हुए चिन्ना सुब्बैया नाम के शख्स ने इसका फायदा उठा लिया और परिवार को दूसरी बेटी के साथ शादी करने के लिए तैयार कर लिया। परिवार ने भी अपनी स्थिति को देखते हुए मात्र 12 साल की लड़की को महज 10 हजार रुपये में बेच दिया। उस शख्स ने लड़की को लेजाकर उससे शादी कर ली। लेकिन समय पर जानकारी मिलते ही महिला और बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों ने उस नाबालिग को बचा लिया। नाबालिग को जिला चाइल्डकेयर केंद्र में भेज दिया गया है जहां उसकी काउंसलिंग की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, सुब्बैया पहले से ही शादीशुदा है। पत्नी से पारिवारिक कलह के चलते उसे छोड़ दिया था। उसने पीड़ित के माता पिता को पहले भी दूसरी बेटी से शादी करने का प्रस्ताव दिया था। सुब्बैया ने नाबालिग को ‘खरीदने’ के बाद उसे अपने रिश्तेदारों के घर धामपुर लेकर आ गया। जहां पर बच्ची की चीख पुराक सुनकर पड़ोसी जाग गए और इसकी जानकारी उन्होंने स्थानीय सरपंच को दी। जिसके बाद उस बच्ची को बचाकर बाल विकास सेवा के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने सुब्बैया के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उससे पूछताछ कर रही है।