पिछले 8 साल में 750 TIGER की मौत, Maharashtra और MP में दर्ज हुए सबसे अधिक मामले

INDIA में पिछले 8 सालों में देश में 750 बाघों (TIGER) की मौत हो गई है। इनमें से 369 की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। 168 अवैध शिकार के कारण, 70 मौतें जांच के दायरे में और 42 अप्राकृतिक कारणों से हुई हैं।

नई दिल्ली। बाघ (Tiger ) भारत का राष्ट्रीय पशु है, साल 1973 में बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। इससे पहले शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था। लेकिन देश में राष्ट्रीय पशु की हालत ठिक नहीं है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 8 सालों में देश में 750 बाघों (TIGER) की मौत हो गई है। इनमें से 369 की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। 168 अवैध शिकार के कारण, 70 मौतें जांच के दायरे में और 42 अप्राकृतिक कारणों से हुई हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में देश में सर्वाधिक 526 बाघ हैं। और यहीं सबसे ज्यादा मरे भी हैं। जिनकी संख्या 173 है। इसके बाद महाराष्ट्र ने सबसे ज्यादा बाध कम हुए हैं। महाराष्ट्र में 125 बाघों की मौत हुई।
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एक RTI आवेदन के जवाब में National Tiger Conservation Authority ने बताया कि साल 2012 और 2019 के बीच आठ साल की अवधि के दौरान 101 बाघ की जब्ती हुई। हालांकि एनटीसीए ने आरटीआई आवेदन के जवाब में शिकार के चलते बाघों की मौत के मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी नहीं दी।
बता दें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बीते साल दिसंबर बताया था कि देश में पिछले चार साल में बाघों की संख्या में 750 की वृद्धि हुई और कुल बाघों की संख्या 2,226 से बढ़कर 2,976 हो गई है।
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