दवाई से भी नहीं ठीक हुआ बुखार तो करें दारूहरिद्रा की छाल का सेवन, होंगे और भी फायदे

Daruharidra Benefits : दारूहरिद्रा एक तरह की जड़ी-बूटी है, आयुर्वेद में इसे गुणकारी माना जाता है
दारूहरिद्रा की छाल या जड़ को अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है

<p>Daruharidra Benefits</p>
नई दिल्ली। मौसम बदलते ही सर्दी-खांसी और बुखार अक्सर लोगों को परेशान करता है। कोरोना काल में ये समस्या और ज्यादा बढ़ गई है। वायरस के प्रभाव के चलते बुखार जल्दी ठीक नहीं हो रहा है। अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या है तो दारूहरिद्रा (Daruharidra health benefits) का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। ये तरह की प्राकृतिक जड़ी बूटी है। आयुर्वेद में इसे कई रोगों के लिए गुणकारी बताया है।
1.बुखार को ठीक करने के लिए दारुहरिद्रा के पौधे की छाल और जड़ की छाल का काढ़ा बहुत उपयोगी होता है। इसे दिन में दो बार पिलाने से जल्द ही शरीर का तापमान सामान्य हो जाएगा।
2.सर्दियों के दिनों में गठिया का दर्द भी काफी परेशान करता है। इससे निजात पाने के लिए दारूहरिद्रा को हल्‍दी के साथ मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे।
3.अगर किसी के शरीर में कैंसर के सेल तेजी से विकसित हो रहे हैं तो इसकी रोकथाम में भी दारूहरिद्रा का सेवन लाभकारी होता है। ये एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर होती है। इसलिए नियमित रूप से दारुहरिद्रा और हल्‍दी के मिश्रण का सेवन करना चाहिए।
4.मुंहासे, घाव, अल्‍सर आदि को दूर करने के लिए दारुहरिद्रा जड़ी बूटी को पीसकर त्वचा पर लगाएं। आप चाहे तो इसमें थोड़ा गुलाब जल भी मिला सकते हैं। इससे स्किन चमकदार बनेगी।

5.जिन लोगों को बवासीर की दिक्कत होती है उन्हें दारूहरिद्रा को मक्‍खन के साथ 40-100 मिलीग्राम मात्रा में मिलाकर लेना चाहिए। इससे खून आने की समस्या बंद हो जाएगी। साथ ही दर्द और सूजन भी कम होगी।
6.अगर किसी को शुगर या डायबिटीज की बीमारी है तो उन्हें भी दारूहरिद्रा का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद औषधीय गुण ब्लड में रक्त शर्करा को कम करने में मदद करते हैं।

7.कान के दर्द को कम करने के लिए दारूहरिद्रा के रस की दो बूंदे डाले। इससे आराम मिलेगा।
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