ये चिट्ठी बरेली के मोहम्मद इकबाल (Mohammad Iqbal) ने लिखी। उन्होंने साइकिल मालिक साहब सिंह (Sahab Singh) को एक चिठ्ठी में लिखा, मेरे पास कोई साधन नहीं है और मुझे अपने विकलांग बच्चे को लेकर बरेली (Bareilly) तक जाना है। मैं आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं। मुझे माफ कर देना। इकबाल ने ये साइकिल भरतपुर के रारह के निकट गांव सहनावली से उठाई। उसका ये खत साहब सिंह को सुबह झाडू लगते वक्त मिला। इसे पढ़कर साहब सिंह की आंखों में आंसू आ गए।
साहब सिंह ने बताया कि साइकिल चोरी होने पर वह बहुत गुस्से में था, लेकिन चिट्ठी को पढ़कर सब आक्रोश शांत हो गया। साइकिल ले जाने वाले मोहम्मद इकबाल के प्रति कोई द्वेष नहीं है बल्कि यह साइकिल सही मायने में किसी के दर्द को दूर करने का जरिया बनी, उनके लिए वही काफी है। उनके मुताबिक इकबाल ने आंगन में रखी दूसरी चीजों को हाथ भी नहीं लगाया। महज उनकी पुरानी साइकिल ले गया। इससे पता चलता है कि मजबूरी के चलते उसने ऐसा किया। अब इकबाल का ये खत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।