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Lockdown : विकलांग बेटे को पहुंचाने के लिए पिता ने मजबूरी में चुराई साइकिल, चिट्ठी लिखकर मांगी माफी

Lockdown Impact : बरेली का रहने वाला है शख्स, लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत
भरतपुर के रारह के निकट गांव सहनावली से उठाई थी साइकिल

May 16, 2020 / 03:16 pm

Soma Roy

Lockdown Impact

नई दिल्ली। कहते हैं मां-बाप से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं। इस बात का सबूत लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान देखने को मिला। जहां एक पिता (Father) को अपने विकलांग (Disable Son) बेटे को दूसरे शहर ले जाने के लिए मजबूरी में एक साइकिल चुरानी पड़ी। इतना ही नहीं शख्स ने एक खत लिखकर साइकिल के मालिक से माफी भी मांगी। उन्होंनेे खत में लिखा, मैं एक मजदूर हूं और मजबूर भी। मैं आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं। मुझे माफ कर देना।
ये चिट्ठी बरेली के मोहम्मद इकबाल (Mohammad Iqbal) ने लिखी। उन्होंने साइकिल मालिक साहब सिंह (Sahab Singh) को एक चिठ्ठी में लिखा, मेरे पास कोई साधन नहीं है और मुझे अपने विकलांग बच्चे को लेकर बरेली (Bareilly) तक जाना है। मैं आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं। मुझे माफ कर देना। इकबाल ने ये साइकिल भरतपुर के रारह के निकट गांव सहनावली से उठाई। उसका ये खत साहब सिंह को सुबह झाडू लगते वक्त मिला। इसे पढ़कर साहब सिंह की आंखों में आंसू आ गए।
साहब सिंह ने बताया कि साइकिल चोरी होने पर वह बहुत गुस्से में था, लेकिन चिट्ठी को पढ़कर सब आक्रोश शांत हो गया। साइकिल ले जाने वाले मोहम्मद इकबाल के प्रति कोई द्वेष नहीं है बल्कि यह साइकिल सही मायने में किसी के दर्द को दूर करने का जरिया बनी, उनके लिए वही काफी है। उनके मुताबिक इकबाल ने आंगन में रखी दूसरी चीजों को हाथ भी नहीं लगाया। महज उनकी पुरानी साइकिल ले गया। इससे पता चलता है कि मजबूरी के चलते उसने ऐसा किया। अब इकबाल का ये खत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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