द इंटरसेप्ट के अनुसार, हिंदुत्व समूह सनातन संस्था, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) फेसबुक सूची में भारत के 10 समूहों में शामिल हैं। इसी तरह ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, खालिस्तान टाइगर फोर्स, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक का नाम भी इस सूची में दिया गया है।
इसके अलावा इंडियन मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद के अफजल गुरु दस्ते और इस्लामिक स्टेट और तालिबान जैसे वैश्विक संगठनों के विभिन्न स्थानीय या उप-समूह सहित कई इस्लामी चरमपंथी और आतंकवादी समूह, जो भारत या कई देशों में संचालित हैं, को भी सूची में शामिल किया गया है।
आधी से अधिक सूची में कथित विदेशी आतंकवादी शामिल हैं जो मुख्य रूप से मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और मुस्लिम हैं। इंटरसेप्ट द्वारा उद्धृत विशेषज्ञों के अनुसार, इस सूची के साथ ही फेसबुक की नीति, हाशिए पर रहने वाले समूहों पर कठोर प्रतिबंध लगाती है।
दरअसल, फेसबुक में तीन-स्तरीय प्रणाली है जो इशारा करती है कि कंपनी कंटेंट के संबंध में किस प्रकार का इनफोर्समेंट करेगी। इसमें आतंकवादी समूह, घृणा समूह और आपराधिक संगठनों पर सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक स्तर लागू किए गए हैं और ये टीयर 1 लिस्ट का हिस्सा हैं। जबकि सबसे कम प्रतिबंधात्मक स्तर वाले टीयर 3 में सैन्यीकृत सामाजिक आंदोलन शामिल हैं। द इंटरसेप्ट ने इसे “ज्यादातर दक्षिणपंथी अमरीकी सरकार विरोधी संगठन कहा है, जो लगभग पूरी तरह से वर्चुअली सफेद होते हैं।” इस सूची में शामिल किसी भी संगठन को फेसबुक पर मौजूदगी बनाए रखने की अनुमति नहीं है।
फेसबुक ने सूची की प्रामाणिकता पर विवाद नहीं किया है, लेकिन एक बयान में कहा है कि यह सूची को गुप्त रखता है क्योंकि यह एक “प्रतिकूल स्थान” है। आतंकवाद विरोधी और खतरनाक संगठनों के लिए फेसबुक के नीति निदेशक ब्रायन फिशमैन ने एक बयान में कहा, “हम अपने मंच पर आतंकवादी, नफरत करने वाले समूह या आपराधिक संगठन नहीं चाहते हैं, यही वजह है कि हम उन पर प्रतिबंध लगाते हैं और उनकी प्रशंसा, प्रतिनिधित्व या समर्थन करने वाली सामग्री को हटा देते हैं।”
फिशमैन ने आगे कहा, “हम वर्तमान में हमारी नीतियों के उच्चतम स्तरों पर 250 से अधिक श्वेत वर्चस्ववादी समूहों सहित हजारों संगठनों पर प्रतिबंध लगाते हैं, और हम नियमित रूप से अपनी नीतियों और संगठनों को अपडेट करते हैं जो प्रतिबंधित होने के योग्य हैं।”
फिशमैन ने कई ट्वीट्स में यह भी कहा कि द इंटरसेप्ट द्वारा प्रकाशित सूची का संस्करण व्यापक नहीं है और इसे लगातार अपडेट किया जाता है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “फेसबुक के खतरनाक संगठनों और व्यक्तियों की सूची का एक संस्करण आज लीक हो गया। विशेष रूप से हमारे कानूनी दायित्वों के बारे में मैं कुछ संदर्भ प्रदान करना चाहता हूं और कवरेज में कुछ अशुद्धियों और गलत व्याख्याओं को इंगित करना चाहता हूं।”
फिशमैन ने कहा कि फेसबुक ने “कानूनी जोखिम को सीमित करने, सुरक्षा जोखिमों को सीमित करने और नियमों को दरकिनार करने के लिए समूहों के अवसरों को कम करने के लिए” सूची साझा नहीं की है, लेकिन नीति में सुधार करने की कोशिश कर रहा है।