दरअसल ऐप बैन के बाद वाट्सऐप पर कई तरह के लिंक वायरल होने लगते हैं, जिनके जरिए आप दोबारा उन ऐप्स को डाउनलोड कर सकते हैं। ये फाइल (unknown) होते हैं। इन्हें इंस्टॉल करने के लिए आपसे परमिशन मांगी जाती है। जैसे ही यूजर्स इसे परमिशन देते हैं तो ऐप आसानी से फोन में काम करने लगती है। मगर जब कोई ऑफिशियली मौजूद नहीं होती है और उसकी apk फाइल का इस्तेमाल किया जाता है तो ये पता नहीं होता है कि इसमें क्या फेरबदल हुए हैं। ऐसे में अनजाने पर इन ऐप्स को अपने मोबाइल पर परमिशन देने से आपके बैंक अकाउंट समेत अन्य सीक्रेट जानकारियां चोरी हो सकती हैं।
इस तरह बढ़ जाता है खतरा
बैन ऐप्स की apk फाइल डाउनलोड की जाती है तो ये प्रतिबंधित ऐप का अनऑफिशियल वर्जन होता है। जब आप इसे परमिशन देते हैं तो ये इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को बाईपास कर बैन ऐप्स का एक्सेस यूजर को उपलब्ध कराता है। इसके जरिए APK फाइल के डेवलपर आपकी लोकेशन, कॉन्टैक्ट लिस्ट, फोटो गैलरी, हैंडसेट में मौजूद जरूरी दस्तावेज तक पहुंच जाते हैं। जिसकी वजह से आपकी निजी जानकारियां सुरक्षित नहीं रहती हैं। इसलिए अगर आपके मोबाइल में अभी भी ये ऐप हैं तो इन्हें तुरंत डिलीट कर दें। कुछ ऐप्स ऐसे भी होते हैं जो सिस्टम में इंटीग्रेटेड होते हैं। यानि इन्हें डिलीट नहीं किया जा सकता है। ऐसे ऐप्स को आप डिसेबल (Disable) कर दें।
बैन ऐप्स की apk फाइल डाउनलोड की जाती है तो ये प्रतिबंधित ऐप का अनऑफिशियल वर्जन होता है। जब आप इसे परमिशन देते हैं तो ये इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को बाईपास कर बैन ऐप्स का एक्सेस यूजर को उपलब्ध कराता है। इसके जरिए APK फाइल के डेवलपर आपकी लोकेशन, कॉन्टैक्ट लिस्ट, फोटो गैलरी, हैंडसेट में मौजूद जरूरी दस्तावेज तक पहुंच जाते हैं। जिसकी वजह से आपकी निजी जानकारियां सुरक्षित नहीं रहती हैं। इसलिए अगर आपके मोबाइल में अभी भी ये ऐप हैं तो इन्हें तुरंत डिलीट कर दें। कुछ ऐप्स ऐसे भी होते हैं जो सिस्टम में इंटीग्रेटेड होते हैं। यानि इन्हें डिलीट नहीं किया जा सकता है। ऐसे ऐप्स को आप डिसेबल (Disable) कर दें।