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गणेश जी को चढ़ाई गई हीरे जड़ित राखी, अष्ट धातु से किया गया निर्माण

Biggest Rakhi Offer To Ganesh Ji : मंदिर में राखी चढ़ाने की परंपरा करीब 18 साल से चली आ रही है
राखी चढ़ाने के साथ कोरोना को लेकर देशवासियों को दिया गया प्रेरक संदेश

Aug 03, 2020 / 05:53 pm

Soma Roy

Biggest Rakhi Offer To Ganesh Ji

नई दिल्ली। कोरोना काल (Coronavirus Pandemic) के चलते रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2020) का मजा भले ही थोड़ा फीका हो गया हो, लेकिन खराब आर्थिक हालात के बावजूद परंपरा को निभाते हुए खजराना गणेश (Khajrana Ganesh) जी को अष्ट धातु से निर्मित भगवान सूर्य नारायण की राखी चढ़ाई गई। इस विशालकाय राखी (Biggest Rakhi Offered) में हीरे भी जड़े हुए हैं। इसे 40 गुना 40 साइज में बनाया गया है। राखी में भगवान सूर्य नारायण को 12 ज्योतिर्लिंग के साथ दर्शाया गया है।
इस राखी को सौराष्ट्र (पालीताणा) के कलाकारों के साथ-साथ पालरेचा परिवार ने बनाया यहै। इसकी खास बात यह है कि राखी को बनाने में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भूमिका है। अष्ट धातु की राखी में हीरे, सोना, चांदी, तांबा, पीतल, जस्ता के साथ-साथ कई तरह के नगीने भी लगाए गए हैं। जबकि भगवान सूर्य की किरणों को बनाने के लिए इसमें ज़री का इस्तेमाल किया गया है। राखी को तैयार करने में 2 महीने का समय लगा है। इसे 10 से 12 लोगों ने मिलकर बनाया है।
खजराना गणेश मंदिर के साथ-साथ पंचकुइया स्थित वीर बगीची, उज्जैन में महाकाल, मुंबई में सिद्धी विनायक, बड़ा गणपति मंदिर सहित शहर के मंदिरों में राखी बांधने की परंपरा 18 साल से चली आ रही है। राखी के जरिए एक संदेश भी दिया गया कि जिस तरह अंधेरा होने पर अगले दिन उजाला होता है, ठीक उसी तहर यह बीमारी भी खत्म होगी और एक बार फिर आर्थिक रूप से मजबूती आएगी। पुण्डरीक पालरेचा परिवार का कहना है कि इस राखी को उन्होंने बहुत निष्ठा और प्रेम भाव से तैयार किया है। इस राखी को बनाने के लिए प्रत्येक दिन, परिवार का हर सदस्य लगभग तीन घंटे से ज्यादा समय तक काम करता था।

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