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प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवों का किया दीदार
बता दें कि, सीएम शिवराज मंगलवार शाम को अपने परिवार के साथ निजी दौरे पर सड़क मार्ग से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बोरी अभयारण्य में पहुंचे। बैतूल जिले की सीमा से लगे धपाड़ा गांव के पास बोरी सफारी लॉज में उन्होंने रात्रि विश्राम किया। तो वहीं, बुधवार की सुबह परिवार के साथ प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवों को निहारने निकल पड़े। इस दौरान उन्होंने जंगलों की हरियाली और वन्य प्राणियों के दीदार का आनंद लिया। उम्मीद जताई जा रही है, कि बुधवार रात तक सीएम भोपाल लौट आएंगे।
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ट्वीट करते हुए कहा- हर्रा का पौधा लगाएं, बताए फायदे
अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बोरी अभयारण्य में हर्रा नामक पौधे का रोपण किया। इस संबंध में उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए कहा कि, हर्रा का पौधा लगाएं। हर्रा का पौधे का उपयोग अस्थमा, दस्त, पुरानी अल्सर, खांसी आदि रोगों के उपचार में किया जाता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर ऐसे उपयोगी व अमूल्य पौधों को रोपें और मानव, धरती को समृद्ध बनाएं।
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बोरी के चूरना में हैं सबसे अधिक बाघ
आपको बता दें कि, बोरी वन्यजीव अभयारण्य भारत के प्राचीन अभयारण्य में से एक है। ये अभयारण्य सूबे के होशंगाबाद जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में स्थित है। इसे 1865 में वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा प्राप्त है। ये 518 स्क्वायर किमी में फैला हुआ है। इसके उत्तर और पूर्व में सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। पश्चिम में तवा नदी बहती है। बोरी वन्यजीव अभयारण्य में समृद्ध वनस्पति और जीव बहुतायत में हैं। एसटीआर में सबसे ज्यादा बाघ बोरी अभयारण्य के चूरना में पाए जाते हैं। पर्यटकों ने यहां कई बार 3-4 बाघ के एक साथ भी देखे हैं।
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