scriptSawan 2021 भस्मासुर को वरदान देकर इन कंदराओं में पहुंचे थे शिव | Bada Mahadev Mandir Pachmarhi Bada Mahadev Temple Pachmarhi | Patrika News

Sawan 2021 भस्मासुर को वरदान देकर इन कंदराओं में पहुंचे थे शिव

locationहोशंगाबादPublished: Jul 30, 2021 02:38:29 pm

Submitted by:

deepak deewan

इस मंदिर का है पौराणिक महत्व

Bada Mahadev Mandir Pachmarhi Bada Mahadev Temple Pachmarhi

Bada Mahadev Mandir Pachmarhi Bada Mahadev Temple Pachmarhi

पचमढ़ी—होशंगाबाद. सतपुड़ा की रानी कहलानेवाला पचमढ़ी पर्यटन नगरी के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थल का पौराणिक महत्व भी है। कहते हैं कि जब भगवान शिव ने दैत्य भष्मासुर को वरदान दिया तब उसे आजमाने उसने भगवान की तरफ हाथ बढ़ाया। उससे बचने के लिए शिवजी ने जिन कंदराओं की शरण ली थी उसमें पचमढ़ी भी शामिल थी। इसी स्थान पर बड़ा महादेव मंदिर स्थापित हुआ।
shivji_1.jpg
यह मंदिर शहर से करीब 10 किमी दूर गुफा में स्थित है। मंदिर में देवाधिदेव महादेव, माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ विराजमान है। लगभग 60 मीटर लंबी इस गुफा में बृह्मा और विष्णुजी की प्रतिमाएं भी हैं। अब यह शिवधाम आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। सावन मास में यहां प्रदेश ही नहीं, अन्य प्रांतों से भी शिवभक्त पहुंचते हैं। भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने के कारण वे मांगी गई मन्नत के अनुसार दर्शन करने यहां आते हैं।
pachmadi_1.jpg
कालसर्प दोष निवारण के लिए आते हैं भक्त
पंडित अभिषेक दुबे बताते हैं कि किंवदंतियों और बुजुर्गों के अनुसार भगवान विष्णु ने मोहिनी नाम की अप्सरा का रूप लेकर भष्मासुर का वध इन्हीं कंदराओं में किया था। अब यहां बड़ा महादेव मंदिर स्थित है। पहाडियों पर बनी सर्पाकार पगडंडिया भी मंदिर तक पहुंचती हैं। कहते हैं इन सर्पाकार पगडंडिया से गुजरने से कालसर्प दोष भी दूर होता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो