आज इन मुहूर्त में भूल कर भी न करें ये काम, उठानी पड़ेगी हानि

उत्तराषाढ़ा ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र पूर्वाह्न १०.०३ तक, इसके बाद श्रवण ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है

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षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि संपूर्ण दिवारात्रि है। षष्ठी तिथि में काठ की दातुन, यात्रा, उबटन तथा चित्रकारी के कार्यों को छोडक़र युद्ध, वास्तु, अलंकारादि और मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं।
नक्षत्र: उत्तराषाढ़ा ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र पूर्वाह्न १०.०३ तक, इसके बाद श्रवण ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उ.षा. नक्षत्र में विवाहादि मांगलिक कार्य, देवस्थापन, गृहारम्भ, प्रवेशादि के कार्य और श्रवण नक्षत्र में देवस्थापन, पुष्टता व जनेऊ आदि के कार्य शुभ माने गए हैं।
योग: वृद्धि नामक योग रात्रि २.१० तक, इसके बाद ध्रुव नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। विशिष्ट योग: कुमार योग पूर्वाह्न १०.०३ से अगले दिन सूर्योदय तक तथा सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग प्रात: १०.०३ से संपूर्ण दिवारात्रि। करण: कौलव नामकरण सायं ६.४७ तक, इसके बाद तैतिलादि करण रहेंगे।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143९, मु.मास: रवि-उल-अव्वल-४
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : हेमन्त
मास : मार्गशीर्ष।
पक्ष : शुक्ल।

शुभ मुहूर्त: आज विवाह (कात्यायनोक्त), देव-प्रतिष्ठा, द्विरागमन, वधू-प्रवेश, नामकरण, कूपारंभ, हलप्रवहण आदि के मुहूर्त श्रवण नक्षत्र में तथा गृहारम्भ व गृहप्रवेश आदि के उ.षा. नक्षत्र में और विवाह में (लग्नाऽभाव दोषयुक्त) मुहूर्त भी उ.षा. में ही है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न १०.५४ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.१३ से दोपहर बाद १.३२ तक शुभ तथा सायं ४.१० से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५२ से दोपहर १२.३४ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज श्रीराम कलेवा, स्कन्ध षष्ठी व्रत, गुरु तेग बहादुर पुण्य दिवस (नवीन मत से) तथा चम्पा षष्ठी (महाराष्ट्र में) है। दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
चन्द्रमा: चन्द्रमा संपूर्ण दिवारात्रि मकर राशि में है। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: दोपहर बाद २.०५ पर बुध मूल नक्षत्र व धनु राशि में प्रवेश करेगा।

राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२ बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (खि, खू, खे, खो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं तथा इनकी जन्म राशि मकर है। सामान्यत: ये जातक स्थिर, स्त्रीलोभी, अतिसुंदर, ऐश्वर्ययुक्त, विद्यावान, कीर्तिवान, धर्मात्मा, स्वाभिमानी, विद्वान और अच्छे गुणों से युक्त होते हैं। इनका १९वां व २४वां वर्ष अच्छा नहीं रहता। क्रूर ग्रह की दशा में राहु , शनिकेतु के अंतर में शत्रुकष्ट और चोरी का भय रहता है। मकर राशि वाले जातकों के आज अटके हुए कार्य सफल व सिद्ध होंगे।
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