नक्षत्र: ज्येष्ठा ‘तीक्ष्ण व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि १२.४७ तक, इसके बाद मूल ‘तीक्ष्ण व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। दोनों ही गंडांत मूल संज्ञक नक्षत्र हैं। इन नक्षत्रों में जन्मे जातकों के संभावित अरिष्ट निवारण की दृष्टि से २७ दिन बाद इन नक्षत्रों की पुनरावृत्ति हो उस दिन मूल शांति करा लेना जातकों के हित में होगा।
योग: सुकर्मा नामक योग रात्रि १०.३० तक, इसके बाद धृति नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। करण: बालव नाम करण प्रात: ८.२६ तक, इसके बाद कौलवादि करण रहेंगे। शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143९, मु.मास: सफर-३०
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : हेमन्त
मास : मार्गशीर्ष।
पक्ष : शुक्ल।
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143९, मु.मास: सफर-३०
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : हेमन्त
मास : मार्गशीर्ष।
पक्ष : शुक्ल।
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज मूल नक्षत्र में विवाह (शनियुति दोषयुक्त) व वधू-प्रवेश के शुभ मुहूर्त हैं। श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ८.१४ तक अमृत, प्रात: ९.३३ से पूर्वाह्न १०.५३ तक शुभ तथा दोपहर बाद १.३२ से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५१ से दोपहर १२.३३ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: आज नवीन चंद्र के दर्शन १५ मुहूर्ता उत्तर शृंगोन्नत होंगे। चन्द्रमा: चन्द्रमा रात्रि १२.४७ तक वृश्चिक राशि में, इसके बाद धनु राशि में रहेगा। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। राहुकाल: प्रात: ७.३० से ९.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (या, यी, यू, ये, यो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि १२.४७ तक जन्मे जातकों की जन्म राशि वृश्चिक व इसके बाद जन्मे जातकों की धनु है। इनका जन्म ताम्रपाद से हुआ है, जो बहुत अच्छा माना गया है। सामान्यत: ये जातक बुद्धिमान, चतुर, होशियार, स्वकार्य में दक्ष, वाक्-पटु, प्रकृति प्रेमी पर छिद्रान्वेषी, कलहप्रद होते हैं। ये कवि, लेखक, पत्रकार, प्रशासन, वकील, सी.ए. आदि हो सकते हैं। इनके १३-२७-३१ व ४९वां वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छे नहीं होते। वृश्चिक राशि वाले जातकों को आज अपनी वाणी पर संयम रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (या, यी, यू, ये, यो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि १२.४७ तक जन्मे जातकों की जन्म राशि वृश्चिक व इसके बाद जन्मे जातकों की धनु है। इनका जन्म ताम्रपाद से हुआ है, जो बहुत अच्छा माना गया है। सामान्यत: ये जातक बुद्धिमान, चतुर, होशियार, स्वकार्य में दक्ष, वाक्-पटु, प्रकृति प्रेमी पर छिद्रान्वेषी, कलहप्रद होते हैं। ये कवि, लेखक, पत्रकार, प्रशासन, वकील, सी.ए. आदि हो सकते हैं। इनके १३-२७-३१ व ४९वां वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छे नहीं होते। वृश्चिक राशि वाले जातकों को आज अपनी वाणी पर संयम रखना हितकर है।