22 साल बाद मिला रंगमंच

रवीन्द्र रंगमंच का लोकार्पण…..

<p>Ravindra Theatre</p>
बीकानेर में 1993 से शुरू हुए रवीन्द्र रंगमंच का 22 सालों की लम्बी निर्माण अवधि के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया। 
950 लाख की लागत से स्कूल ऑफ नेशनल ड्रामा के मानदण्डों के आधार पर बना रवीन्द्र रंगमंच अन्तरराष्ट्रीय मानदण्डों के अनुरूप निर्मित हुआ है। 2014 में मुख्यमंत्री के बीकानेर आगमन के बाद नगर विकास न्यास ने अधूरे काम को पूरा करने का काम हाथ में लिया।
 कमोबेश डेढ़ वर्ष की अवधि में इसे पूरा कर दिया गया। हालांकि 55 लाख की लागत से ऑपन थियेरट का काम अभी भी बकाया है। रवीन्द्र रंगमंच के ऑन लाइन उद्घाटन के बाद मेडिकल ग्राउण्ड पर जनसभा को सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि रवीन्द्र रंगमंच बनाने के वादे को उन्होंंने पूरा किया है। 
आज रविन्द्र रंगमंच जनता को समर्पित कर दिया गया। रवीन्द्र रंगमंच में 625 सीटों की क्षमता है। इसमें आर्ट गैलरी, मल्टीपरपच थियेटर, प्रैक्टिस रूम, कॉन्फ्रेंस रूम बने हुए हैं। साउड सिस्टम, लाइटिंग, म्यूजिक प्रणाली अन्तर राष्ट्रीय स्तर की है। इस थियेटर के निर्माण में केन्द्र सरकार ने 570 लाख की ग्रांट स्वीकृत की है। 
ये बहुत कम आते हैं एक मंच पर

बीकानेर में कई भाजपा नेता कभी कभार ही एक मंच पर आते हैं। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी, केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के साथ मंच पर बहुत कम दिखाई देते हैं। 
मुख्यमंत्री की जनसभा में संभाग के विधायक नेता के साथ एक-दूसरे को नहीं सुहाने वाले नेता भी मंच पर साथ दिखाई दिए। 

प्रदर्शनी लगाने आए लोग भीड़ पर भारी

मुख्यमंत्री जब मंच पर आई तो मंच के आगे का स्थल खाली पड़ा था। महिलाओं के बैठने के लिए मुकर्रर खाली स्थल में जैसे ही मुख्यमंत्री आई एनसीसी की बालिकाएं, नर्सेज तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बैठाया गया।
…और मुस्कुरा दिए 

सभा खत्म होने पर श्रीडूंगरगढ़ विधायक किसना राम नाई मंच से प्रदर्शनी वाले रास्ते से बाहर निकले। उनको देखकर भाजपा के कार्यकर्ता नारे लगाने लगे किसना काका, किसना काम…। लोगों के इस तरह नारे लगाने से विधायक मुस्करा दिए। 
ग्राउण्ड के चारों ओर भीड़

मेडिकल कॉलेज के चारों तरफ रास्ते हैं। हालांकि आमसभा में आने वालों के लिए एक तरफ का रास्ता खोला गया। इस पर भी चारों तरफ से गांवों से आए लोग पैदल चलकर सभास्थल पर जाते रहे। कौन लोग किस नेता के समर्थक है। इसके लिए अलग-अलग नेताओं के बैनर तले सभा स्थल पर पहुंचे। 
कार्यक्रम को रखा गुप्त

मुख्यमंत्री के रविन्द्र मंच आने का कार्यक्रम तय था। इसकी जानकारी प्रशासन के अधिकारियों के अलावा न्यास अध्यक्ष और सचिव को थी। इस जानकारी के चलते रविन्द्र रंगमंच को सजाया गया। साफ-सफाई की गई। मुख्यमंत्री के लिए पुष्प गुच्छे मंगवाए गए। 
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