जल-थल-नभ के बाद अब अंतरिक्ष में होगी फिल्म की शूटिंग, पृथ्वी से 250 मील की ऊंचाई पर बनेगा सेट

हॉलीवुड के सुपर सितारे टॉम क्रूज की अगली फिल्म की शूटिंग पृथ्वी से करीब 250 मील की ऊंचाई पर एक अंतरिक्ष केंद्र में करने की तैयारियां चल रही हैं। इसके लिए अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से इजाजत मांगी गई है।

<p>जल-थल-नभ के बाद अब अंतरिक्ष में होगी फिल्म की शूटिंग, पृथ्वी से 250 मील की ऊंचाई पर बनेगा सेट</p>

-दिनेश ठाकुर
पश्चिमी देशों में रोमांच को लेकर दीवानगी की हद का आलम यह है कि वहां फ्री स्टाइल नूरा कुश्तियां देखने भारी भीड़ उमड़ती है, सांडों को लड़ाया जाता है, खतरनाक वीडियो गेम्स खेले जाते हैं, बच्चे हथियारों से खेलते हैं तथा बड़े इतनी ऊंची इमारतों पर जाकर खुश होते हैं, जिनकी छतों से नीचे देखने पर दिमाग चकराने लगे। पश्चिम की आबादी को रोमांच परोसने के लिए हॉलीवुड ने दूसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर बेशुमार फिल्में बनाईं। डाकुओं, तस्करों और माफिया पर भी दर्जनों फिल्में बनीं। दिल दहलाने वाली हॉरर फिल्मों का सिलसिला तो खासा लम्बा है।

इंसान की फितरत है कि एक जैसी चीजों से वह जल्दी ऊब जाता है। जब जमीनी फिल्मों से लोगों के रोमांच की प्यास नहीं बुझी तो हॉलीवुड वाले कैमरा लेकर समुद्र में उतर गए और कई फिल्में अंडरवाटर बनाई गईं। वहां पानी में फिल्म बनाने की शुरुआत (Underwater Shooting of Movies ) 1954 में ‘ट्वेंटी थाउजेंड लीग्स अंडर द सी’ से हो गई थी। जूल्स वर्ने के क्लासिक उपन्यास पर आधारित इस फिल्म ने पहली बार लोगों को समुद्र की गहराई में होने वाली हलचलों से रू-ब-रू किया।

जल-थल-नभ के बाद अब अंतरिक्ष में होगी फिल्म की शूटिंग, पृथ्वी से 250 मील की ऊंचाई पर बनेगा सेट

अनजानी जगहों में क्या है? इस सदाबहार सवाल के इर्द-गिर्द ताना-बाना बुनकर ‘डीपस्टार सिक्स’, ‘द रिफ्ट’, ’47 मीटर डाउन’, ‘क्रॉल’, ‘द एबिस’, ‘द होस्ट’, ‘डीप राइजिंग’, ‘बिलो’ और ‘अंडरवाटर’ जैसी कई और फिल्में गहरे पानी में फिल्माई गईं। पानी में हॉलीवुड वालों के कारनामे देखकर भारतीय फिल्मकारों को भी जोश आया। ‘ओंडु मुट्टिना काथे’ (1987) पूरी तरह पानी में फिल्माई गई पहली भारतीय फिल्म है। निर्देशक शंकर नाग की इस कन्नड़ फिल्म में दक्षिण के दिग्गज अभिनेता राजकुमार का अहम किरदार था। फिल्म के पांच मिनट के उस सीन की काफी तारीफ हुई थी, जिसमें राजकुमार और ऑक्टोपस की मुठभेड़ दिखाई गई थी। इससे पहले जीतेंद्र की ‘अनमोल मोती’ (1969) के कुछ सीन अंडरवाटर फिल्माए गए थे।

जमीन और पानी के बाद अब हॉलीवुड वालों की नजरें अंतरिक्ष पर हैं। खबर है कि वहां के सुपर सितारे टॉम क्रूज की अगली फिल्म की शूटिंग अंतरिक्ष में करने की तैयारियां चल रही हैं। आसमानी कलाबाजियां तो हॉलीवुड और बॉलीवुड की कई फिल्मों में देखने को मिल चुकी हैं, लेकिन अंतरिक्ष में अब तक कोई फिल्म यूनिट नहीं पहुंची है। टॉम क्रूज ताबड़तोड़ एक्शन के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी ‘टॉप गन’, ‘डेज ऑफ थंडर’, ‘मिशन इम्पॉसिबल’, ‘विदाउट लिमिट्स’, ‘माइनॉरिटी रिपोर्ट’, ‘द लास्ट समुराई’ और ‘रॉक ऑफ एजेस’ जैसी दर्जनों फिल्मों पर डॉलर बरसते रहे हैं। उनकी अगली फिल्म बाहरी अंतरिक्ष में फिल्माने के लिए अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ बातचीत चल रही है। नासा के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि टॉम क्रूज एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में शूटिंग करना चाहते हैं, जो पृथ्वी से करीब 250 मील की ऊंचाई पर है। कई रईस टूरिस्ट इस केंद्र की सैर कर चुके हैं। यहां कुछ डॉक्यूमेंटरी फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन अगर क्रूज को इजाजत मिलती है तो यहां फिल्माई जाने वाली यह दुनिया की पहली फिल्म होगी। यानी जल, थल और नभ के बाद अब लोगों को इससे भी आगे के रोमांच के लिए तैयार रहना चाहिए।

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