हॉलीवुड के सुपर सितारे मेल गिब्सन ( Mel Gibson ) की आपदा फिल्म ‘फोर्स ऑफ नेचर’ ( Force of Nature ) का काफी समय से इंतजार किया जा रहा था। सिनेमाघर बंद होने के कारण हाल ही इसका सीधे डिजिटल प्रीमियर ( Digital Premiere ) किया गया। यह फिल्म देखकर झटका लगता है। यकीन नहीं होता कि इसे हॉलीवुड ( Hollywood movies ) में तैयार किया गया है। तीन साल पहले प्यूर्टो रिको में आए विनाशकारी तूफान की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म शुरू से आखिर तक इतनी फुसफुसी है कि अच्छे-खासे सिरदर्द का सबब बन जाती है। कहानी इतनी-सी है कि कुछ बदमाश तूफान के दौरान बड़ी डकैती की योजना बनाते हैं। हीरो (मेल गिब्सन) और उसके साथी उनके इरादों को नाकाम करने में जुट जाते हैं। कई घटनाएं हास्यास्पद हैं। फिल्म बार-बार पटरी से उतर जाती है। मेल गिब्सन की मौजूदगी भी फिल्म की लडख़ड़ाहट को नहीं रोक पाती। उनके एक्शन में ‘लीथल वेपन’, ‘हेमलेट’, ‘ब्रेवहार्ट’, ‘वी वर सोल्जर्स’ और ‘द मैन विदाउट ए फेस’ जैसी कई फिल्मों में जो जोश था, जो चुस्ती-फुर्ती थी, ‘फोर्स ऑफ नेचर’ में गायब है। पूरी फिल्म में वे थके-थके-से नजर आते हैं। एमले हिर्श और केट बॉसवर्थ की अदाकारी भी नहीं बांध पाती।
मिशेल पॉलिश के निर्देशन में बनी यह फिल्म 91 मिनट की है। इसे देखते हुए लगता है कि यह काफी देर से खामख्वाह चली जा रही है। इसे जल्दी खत्म हो जाना चाहिए। गनीमत है कि इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उतारा गया, सिनेमाघरों में उतारा जाता तो बॉक्स ऑफिस पर इसका शहीद होना तय था।