सुप्रीम कोर्ट का हरियाणा सरकार को आदेश,अरावली पहाडियों के अवैध निर्माण तोडे जाएं

कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस प्रक्रिया से विपरीत रूप से प्रभावित होने वालों को मुआवजा भी दिया जाए…

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(चंडीगढ): सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि अरावली की पहाडियों में पर्यावरण मानकों की अनदेखी कर किए गए अवैध निर्माण तोडे जाएं। कोर्ट ने अरावली पहाडियों में फरीदाबाद के कांत एनक्लेव में 18 अगस्त 1992 के बाद किए गए अवैध निर्माण को तोडने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस प्रक्रिया से विपरीत रूप से प्रभावित होने वालों को मुआवजा भी दिया जाए।

 

 

जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि कांत एनक्लेव वन क्षेत्र है ओर वहां 18अगस्त 1992 के बाद से निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम 1900 के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद क्षेत्र में निर्माण की गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पीठ ने कहा कि गैर वानिकी इस्तेमाल के लिए भूमि का हस्तांतरण वन संरक्षण कानून ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

 


हरियाणा सरकार ने की बिजली दरों में कटौती

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को तोहफा देते हुए विधानसभा में घोषणा की कि मासिक 200 यूनिट तक के बिजली उपभोक्ताओं को 4.50 रुपए की बजाए अब 2.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल भुगतान करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी गरीब परिवार की बिजली की खपत मासिक 50 यूनिट तक रहती है तो उस परिवार को बिजली की दरें 2 रुपए प्रति यूनिट के अनुसार लगाई जाएगी ।

 

 

उन्होंने कहा कि इस प्रकार से कुल लगभग 437 रुपए प्रतिमाह लाभ प्राप्त होगा जो आज के बिल के अनुसार 46.6 प्रतिशत है । मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का लाभ हरियाणा के 41 लाख 53 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को होगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वायदा किया था कि राज्य सरकार बिजली की दरों में कमी करेगी और इस प्रकार से सरकार ने अपना यह वायदा पूरा किया ।

 

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