समय से इलाज न होने पर बढ़ती है जटिलता
बीमारी के शुरू में पहचान कर इलाज से आराम मिल सकता है। समय से इलाज नहीं मिलने से जोड़ों में जकडऩ बढ़ती है। यदि बच्ची की अंगुलियां 90 डिग्री तक मुड़ रही हैं तो इसका दवाओं और फिजियोथैरेपी से इलाज किया जा सकता है। यदि इससे कम मुड़ रही हैं तो सर्जरी से इलाज किया जाता है। यदि बीमारी का सही तरीके से इलाज नहीं होता है तो यह शरीर के बड़े जोड़ों में भी हो सकती है।
फिजियोथैरेपी भी कारगर
बीमारी के इलाज में फिजियोथैरेपी भी कारगर है। इससे रिकवरी जल्दी होती है। इलाज के साथ बच्चों को संतुलित व पौष्टिक खानपान भी जरूरी होता है।
स्विमिंग करें : यदि यह बीमारी शरीर के बड़े जोड़ों में पहुंच चुकी है तो स्विमिंग से काफी आराम मिलता है।
अन्य रोगों का खतरा
ऐसे बच्चे जिन्हें कम उम्र में यह बीमारी हो जाती है उनका शारीरिक विकास बाधित हो सकता है। इस बीमारी की वजह से एनीमिया की समस्या और आंखों में ग्लूकोमा या कैटरेक्ट की समस्या हो सकती है। यदि इसके साथ बुखार, लिवर व तिल्ली बढ़ी होती है तो उसके लिए कुछ जांचों के बाद इलाज करते हैं, जिससे मरीज को राहत मिलती है।
एक्सपर्ट : डॉ. आलोक उपाध्याय, शिशु रोग विशेषज्ञ, जेके लोन हॉस्पिटल, जयपुर