प्रभाव : कान के नीचे चेहरे पर पेरोटिड ग्रंथि व निचले जबड़े के नीचे दोनों तरफ सबमेंडीबुलर लार ग्रंथियां होती हैं। कई बार लार व इसके स्राव पर कैल्शियम फॉस्फेट व अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं जिससे स्टोन की रचना होने लगती है और लार के प्रवाह में रुकावट आती है।
लक्षण : पथरी बनने पर लार ग्रंथि में रुकावट से सूजन आ जाती है जो जबड़े या कान के नीचे देखी जा सकती है। भोजन करने के दौरान यह बढ़ जाती है व दर्द होता है। इसमें संक्रमण की आशंका भी रहती है।
कारण : ज्यादातर मामलों में कोई स्पष्ट कारण नहीं होता। हालांकि शरीर में पानी की कमी एक वजह हो सकती है। पर्याप्त खाना नहीं खाने व भोजन को ठीक से न चबाने से भी लार कम बनने लगती है। कुछ दवाएं भी लार को प्रभावित करती हैं।
जांच व इलाज : एक्स-रे या सीटी स्कैन से इसकी वास्तविक स्थिति व आकार का पता लगाया जाता है। मुंह के अंदर लार नली में स्टोन होने पर बिना किसी बाहरी चीरे के पथरी को अंदर से निकाला जा सकता है। लेकिन लार ग्रंथि के अंदर गहराई में पथरी होने पर कई बार पूरी ग्रंथि को ही सर्जरी से निकालना जरूरी हो जाता है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं व खाना चबाकर खाएं। गुटखे व शराब से दूरी बनाएं।