भारत सरकार बढ़ाएगी Amphotericin-B की उपलब्धता, पांच अतिरिक्त विनिर्माताओं को भी दिया लाइसेंस
कोरोना के इलाज में दी जाने वाली दवाओं पर नजर डालें तो अब तक रेमडेसिविर इंजेक्शन COVID-19 9 के इलाज में कारगर नहीं रहा। ‘सभी प्रायोगिक दवाएं, प्लाज्मा थेरेपी या रेमेडिसविर, इन सभी को जल्द ही इलाज के इस्तेमाल से हटाया जा सकता है क्योंकि इसके प्रभावीकरण को लेकर कोई सबूत नहीं हैं। अभी केवल तीन दवाएं काम कर रही हैं।
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प्लाज्मा थेरेपी सबूतों के आधार पर की गई बंद
जब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की सलाह के अनुसार कोविड-19 के लिए इलाज के प्रोटोकॉल से प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल को हटा दिया गया है। डॉ राणा ने कहा, ‘प्लाज्मा थेरेपी में हम किसी ऐसे व्यक्ति को प्री-फॉरवर्ड एंटीबॉडी देते हैं, जो पहले संक्रमित हो चुका होता है, ताकि एंटीबॉडी वायरस से लड़ सके। आमतौर पर एंटीबॉडी तब बनते हैं जब कोरोना वायरस हमला करता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले एक साल में देखा है कि प्लाज्मा देने से मरीज और अन्य लोगों की स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ा। साथ ही यह आसानी से उपलब्ध भीनहीं हो पाता। प्लाज्मा थेरेपी वैज्ञानिक आधार पर शुरू की गई थी और सबूतों के आधार पर बंद कर दी गई है।