रायपुर

रायपुर में इस साड़ी की कीमत 1.90 लाख रुपए

आंध्रप्रदेश में बनती है, छह महीने में होती है तैयार

रायपुरDec 20, 2023 / 11:14 pm

Tabir Hussain

तस्वीर पंडरी स्थित शो रूम की।

भारतीय महिलाओं के लिए साड़ी बेहद खास होती है। यही वजह है कि सभी की वार्डरोब में साडिय़ां आसानी से मिल जाती हैं। ज्यादातर महिलाओं को त्योहार या फंक्शन में साड़ी पहनना ज्यादा पसंद होता है। कॉलेज के एनुअल फंक्शन में भी गल्र्स साड़ी कैरी कर सबसे अलग दिखना चाहती हैं। वक्त के साथ साड़ी काफी स्टाइलिश हो गई है। इसे पहनने के कई सारे अलग-अलग तरीके सामने आए हैं। मार्केट में प्रीमियम साड़ी की कई वैरायटीज एवलेबल हैं। इसमें से एक है धर्मावरम टीसु सिल्क। इसकी कीमत है एक लाख 90 हजार रुपए। जाहिर है इतनी महंगी है तो कुछ खासियत भी होगी। जी हां। डेढ़ किलो की इस साड़ी में प्योर गोल्ड जरी मीनाकारी वर्क किया गया है। यह आंध्रप्रदेश की है जिसे बनाने में छह महीने लग जाते हैं। आए दिन साड़ी के साथ अलग-अलग एक्सपेरिमेंट देखने को मिलते रहते हैं। साड़ी के महत्त्व और खूबसूरती को दर्शाने के लिए 21 दिसंबर को साड़ी दिवस मनाया जाता है।

ऑर्गेंजा फैब्रिक, मिरर वर्क

जैकेट साड़ी यानी, जैकेट जैसा लुक। इंडो वेस्टर्न सीरीज की इस साड़ी में ऑर्गेंजा फैब्रिक होता है। मिरर वर्क और कट दाना वर्क किया गया है। सिक्वेंस विथ जैकेट के साथ इसका लुक स्टिंगरे फिश शेप का दिखाई देता है।

लॉन्ग स्लीव, जॉर्जेट फैब्रिक

नेट लॉन्ग जैकेट के साथ जॉर्जेट फैब्रिक वाली इस साड़ी में सिक्वेंस होता है और कट दाना वर्क ध्यान खींचने के लिए काफी है। डिजाइनर लॉन्ग स्लीव आपको स्पेशल लुक देता है।

लाइक्रा फैब्रिक, मोती वर्क

एश कलर प्वाविल प्रिंट की यह साड़ी लाइक्रा फैब्रिक में शुमार है। इसमें मिरर के अलावा मोती वर्क होता है। यह एक तरह की ड्रैप साड़ी है जिसमें लॉन्ग स्रग होता है।

महज परिधान नहीं, परंपरा है

कई साल पहले से ही साडिय़ों ने भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फैशन के मामले में साड़ी हमेशा अपने समय से काफी आगे रही है। जब भी कोई खास अवसर या त्योहार होता है, लड़कियां और महिलाएं अधिकांशत: साड़ी पहनना ही पसंद करती हैं। इसीलिए साड़ी महज एक परिधान नहीं, हमारी परंपरा है।
रवि सिंह, फैशन कंसल्टेंट, श्रीशिवम
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